प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हमारी रोजर्मरा की जिंदगी में कई चीजें ऐसी हैं, जिन्हें हम अंजाने में शामिल कर लेते हैं, बगैर यह सोचे कि इसका हमारी सेहत पर ही नहीं पर्यावरण पर भी कितना बुरा असर पड़ता है। थर्मोकोल ऐसा ही पदार्थ है। इस बारे में अवेयर रहना बहुत जरूरी है। हमें हर गली, नुक्कड़ में थर्मोकोल से बने कप और प्लेट तथा गिलास इधर-उधर बिखरे दिखाई देते हैं। चीजों की पैकेजिंग हो या तीज-त्योहार के मौकों पर की जाने वाली सजावट या फिर सोने के लिए इस्तेमाल में आने वाले बेड मैट्रेसेस, पिलो, बीन बैग्स, कप और प्लेटें दवाइयों को एक साथ से दूसरे स्थान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल में होने वाले बॉक्स या बड़े सामान को सुरक्षित रखने के लिए थर्मोकोल का इस्तेमाल होता है।

थर्मोंकोल की डिमांड/खासियत
- थर्मोंकोल की अंदर झटकों को सहने की शक्ति होती है
- थर्मोंकोल की चालकता बहुत कम होती है
- इस पर नमी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
- थर्मोंकोल का घनत्व 15 से 30 किलोग्राम मीटर प्रति मीटर घन होता है
- थर्मोंकोल बहुत ही हल्का पदार्थ है
- थर्मोंकोल का उपयोग सजावट के साथ स्कूल परियोजनाओं के लिए किया जाता है
- हर छोटे-बड़े आईटम को एक जगह से दूसरे जगह सुरक्षित पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होता है

पर्यावरण के लिए खतरा
थर्मोकोल का बढ़ता उपयोग हमारे जीवन के साथ नदियों, झीलों और समुद्र के पानी पर भी बुरा असर डाल रहा है। पर्यटन स्थलों पर स्थित फूड प्वाइंट्स में इनका बेतहाशा इस्तेमाल किया जाता है।
थर्मोकोल आज पर्यावरणविदों के लिए ही नहीं बल्कि समूची पृथ्वी के लिए भी एक बड़ा चिंता का विषय साबित हो रहा है। विशेषज्ञों की माने थर्मोकोल चूंकि बायोडिग्रेडेबल नहीं है, जिसके कारण यह जहां कहीं भी कूड़े के रूप में फेंका जाता है, इसके छोटे छोटे टुकड़े जमीन, वायु और समुद्र को प्रदूषित करने का एक बड़ा कारण बन रहे हैं। जिससे मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवरों के भी स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

हर एक सेंसिटिव आइटम को टूटने से बचाने के लिए थर्मोंकोल का बहुत बड़ा रोल होता है। जहां कीमती एलईडी टीवी, एसी, फ्रीज, महंगे फोन हो या कैमरों के लेंस हो। हर एक पैकिंग में थर्मोंकोल इस्तेमाल होता है। सरकार इस पर कोइ विकल्प निकालें तब बैन करे तो अच्छा है।
शशांक जैन, इलेक्ट्रोनिक मार्केट अध्यक्ष

ओवन हो या फिर कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण हर किसी के पैकिंग में थर्मोंकोल व सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। बैन के बाद चुनौतियां बढ़ जाएंगी। हल्की पॉलिथिन से हर एक छोटे-बड़े प्रोडक्टस को पैक किया जाता है। ताकि उसमें मॉइस्चराइजर न जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्मोंकोल बैन के बाद चुनौतियां बढ़ जाएंगी।
सुमित चौरसिया, चौरसिया इलेक्ट्रानिक

थर्मोंकोल के पैकिंग आइटम जल्दी टूटता नहीं है। इसका इस्तेमाल लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है। सरकार अगर बैन कर रही है तो विकल्प भी सोची होगी। थर्मोकोल की अंदर झटकों को सहने की शक्ति होती है। टीवी के रिमोट तक सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्मोंकोल से पैक होता है।
सनी केवलानी, विशाल इलेक्ट्रोनिक्स

इलेक्ट्रानिक के बड़े आइटम ही नहीं बल्कि छोटे आइटम तक थर्मोंकोल की पैकेजिंग में होता है। घरों के अंदर व बाहर लगने वाले कीमती फैंसी बल्ब तक थर्मोंकोल की पैकिंग में होता है। हर एक स्विच व बोर्ड तक सिंगल यूज प्लास्टिक में पैक होता है। सरकार बैन करेगी तो विकल्प भी ढूंढ कर रखी होगी।
अभय गुप्ता, गुप्ता इलेक्ट्रोनिक्स शॉप