प्रयागराज (ब्यूरो)।श्रीमठ बाघम्बर गद्दी की स्थापना 1582 में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के महंत बाबा बालकेसर गिरी ने की थी। इसके बाद से ही श्रीनिरंजनी अखाड़ा के अन्तर्गत इसका संचालन किया जा रहा है। उसके बाद से लगातार मठ के महंत मठ के कार्यो को संपादित कर रहे थे। 2004 में नरेन्द्र गिरी को मठ के अध्यक्ष पद की बागडोर मिली। जिसके बाद वह मठ के 23वें महंत बने। लास्ट मंथ 20 सितंबर को उनके ब्रहमलीन होने के बाद उनके रजिस्टर्ड वसीयत के अनुसार महंत नरेन्द्र गिरी के प्रिय शिष्य बलवीर गिरी को श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर ने ये जिम्मेदारी दी।

संस्कृत महाविद्यालय परिसर में हुआ आयोजन
महंत नरेन्द्र गिरी की मृत्यु बाद खाली हुए श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के अध्यक्ष पद पर नए अध्यक्ष को स्थापित करने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मठ के अंदर स्थित श्रीमहंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय परिसर में समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की अध्यक्षता में संत-महात्माओं ने सबसे पहले महंत नरेन्द्र गिरी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद बलवीर गिरि के पट्टाभिषेक की प्रक्रिया शुरू हुई। पट्टाभिषेक के दौरान सबसे पहले श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने बलवीर गिरि को आशीर्वाद दिया। इसके बाद निरंजनी अखाड़े के ही अन्य संतों ने बलवीर गिरी को चादर ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। अन्य अखाड़ों में महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद हरि गिरि, आनंद अखाड़ा प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद, महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि, जूना अखाड़ा के अध्यक्ष प्रेम गिरि, श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा से सचिव सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी, समेत कुल 10 अखाड़ों के महात्माओं ने चादर ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी व फूलचंद्र दुबे ने किया।

गुरु के पद चिन्हों पर चलते हुए करूंगा कार्य
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में हुए पट्टाभिषेक के बाद मठ के नए अध्यक्ष बलवीर गिरी ने कहा कि वह अपने गुरु के पद चिन्हों पर चलते हुए मठ के कार्य को संपादित करेंगे। उन्होंने कहा कि ये बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी के आशीर्वाद से वह मठ का संचालन करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें मठ के सभी कार्यो की जानकारी नहीं है। ऐसे में वह पहले मठ के सभी कार्यो की जानकारी लेंगे। इसके बाद गुरु द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार मठ की गरिमा को बढ़ाते हुए कार्य करेंगे। नरेन्द्र गिरी के सुसाइड को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में महंत बलवीर गिरी ने कहा कि फिलहाल मामले की जांच देश के शीर्ष जांच एजेंसी कर रही है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।