प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एसआरएन अस्पताल में हाल में हुई अप्रिय घटनाओं के बावजूद वहां पुलिस प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नही कर पा रहा है। क्योंकि वहां पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे काम नही कर रहे हैं। यह पुनरावृत्ति दोहराई न जाए, इससे बचने के लिए बेली अस्पताल की ओर से अपने इमरजेंसी रूम में एक कंट्रोल रूम का निर्माण कराया गया है। इस कंट्रोल रूम से 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे के जरिए अस्पताल कैंपस की निगरानी की जाएगी। अगर कही कोई अप्रिय घटना नजर आती है तो इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन के साथ पुलिस को भी मुहैया कराई जाएगी।

26 कैमरे रखेंगे नजर
बेली अस्पताल परिसर के चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए कुल 26 सीसीटीवी कैमरे लागए गए हैं। यह सभी काम कर रहे हैं। इन कैमरों के जरिए हर एक मूवमेंट को देखा जाएगा। इमरजेंसी रूम में बनाए गए कंट्रोल रूम में चौबीस घंटे निगरानी के लिए कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। कर्मचारियों की ड्यूटी शिफ्ट वाइज लगाई जा रही है। उनको सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि दिखे तो बिना रुके अस्पताल प्रशासन और पुलिस को सूचित किया जाए। जिससे किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

दो हजार मरीजों का मूवमेंट
बेली अस्पताल में 209 बेड की क्षमता पहले से है, इसे और बढ़ाने की तैयारी है।
150 से अधिक बेड मरीजों से अधिकांश समय भरे रहते हैं। करीब 1200 मरीजों के रोज नए पंजीकरण होते हैं
सुबह से शाम तक करीब 2000 लोगों का आना जाना होता है।
यहां पर रीजनल डायग्नोस्टिक सेंटर और एमआरआई मशीन भी लगाई गई है।
इसकी वजह से भीड़ में लगातार इजाफा होता रहता है।
ऐसे में अभी तक पूरी तरह से निगरानी करना मुश्किल हो रहा था।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि लखनऊ से भी निगरानी की जाती है लेकिन स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम बनाने से काफी फायदा होगा।

अप्रिय घटनाओं से बचने और अस्पताल परिसर में होने वाले मूवमेंट पर नजर रखना अब अधिक आसान होगा। इसके लिए इमरजेंसी रूम में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है।
डॉ। एके अखौरी
अधीक्षक, बेली अस्पताल प्रयागराज