- कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए शुरू हुई तैयारी

- 52 बेडों के आईसीयू वार्ड को भी किया जा रहा अपडेट

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PRAYAGRAJ: कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह तबाही मचाई थी। उसने हर किसी को डर के साये में जीने पर मजबूर कर दिया। हालांकि सरकार की ओर से उठाए गए कड़े कदमों के कारण मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी कम हो गई है। लेकिन इसके साथ ही तीसरे वेव के आने की आशंका को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। बेली हॉस्पिटल को ही कोरोना के तीसरे वेव की आशंका को देखते हुए अपडेट करने की कवायद तेज कर दी गई है। जिससे आने वाले दिनों में किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके। इसके लिए आईसीयू वार्ड में बेडों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

40 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू भी हो रहा तैयार

- कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होने की आशंका एक्सप‌र्ट्स जता रहे हैं। ऐसे में बच्चों को विशेषरूप से ध्यान में रखते हुए बेली हॉस्पिटल में 40 बेडों के पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार कराया जा रहा है।

- इसके साथ ही 52 बेड के आईसीयू वार्ड को अपडेट किया जा रहा है। जिससे गंभीररूप से कोरोना से पीडि़त मरीजों का भी उचित इलाज किया जा सके।

- वर्तमान में तेज बहादुर सप्रू हॉस्पिटल यानी बेली हॉस्पिटल में आईसीयू वार्ड में कुल 52 बेड है। इसमें 20 हाईडेफिनेशन यूनिट आईसीयू के बेड हैं।

- वहीं कोरोना के तीसरे लहर को देखते हुए 20 ट्राइएज तैयार कराए जा रहे है। जिसके बाद बेली हॉस्पिटल में सभी को मिलाकर आईसीयू वार्ड में कुल बेड की संख्या 92 हो जाएगी।

क्या है ट्राइएज वार्ड

ट्राइएज वार्ड के बारे में जानकारी देते हुए बेली हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। एमके अखोरी ने बताया कि इसमें मरीज को कुछ समय के लिए ही रखा जाता है। इसमें भी आक्सीजन, वेटीलेंटर समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है। लेकिन जब कोई मरीज आता है तो उसकी जांच रिपोर्ट आने तक ही उसे यहां पर रखा जाता है। उसके बाद उसे जरूरत के हिसाब से आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

1200 एलपीएम ऑक्सीजन का लग रहा प्लांट

कोरोना के दूसरे वेव में सबसे ज्यादा कोरोना पीडि़त मरीजों की मौत समय पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने से हुई है। ऐसे में बेली हॉस्पिटल में भी आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। सीएमएस डॉ। एमके अखोरी ने बताया कि संभवत इसी सप्ताह प्लांट लगाने की शुरुआत हो जाएगी। प्लांट लगाने के पहले की सभी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। बेली हॉस्पिटल में लगने वाले प्लांट से 1200 एलपीएम ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हॉस्पिटल में कोरोना पेसेंट की संख्या दो है। जिनका इलाज चल रहा है।

- बेली हॉस्पिटल में 250 बेड को अपडेट करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। कोरोना के तीसरे वेव को देखते हुए बच्चों के लिए 40 आईसीयू बेडों के पीडियाट्रिक वार्ड को तैयार कराया जा रहा है।

डॉ। एमके अखोरी

सीएमएस, बेली हॉस्पिटल