प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद संग्रहालय में 'भारत के नवनिर्माण में डॉ अम्बेडकर की भूमिकाÓ विषयक पर संवाद का आयोजन किया गया। इस मौके पर चित्र प्रदर्शनी भी लगायी गयी। वक्ता के रूप डॉ आलोक प्रसाद व डॉ अर्चना शाक्या ने विचार साझा किये। अध्यक्षता प्रो.योगेश्वर तिवारी ने की। स्वागत वक्तव्य में डॉ ओंकार आ.वानखेडे ने कहा कि तत्कालीन चुनौतियों से जूझते हुए अम्बेडकर जी ने जिस दृढ़ता से सामाजिक सुधार आंदोलन को धार दिया और सफलता प्राप्त की वह अप्रतिम है। डॉ अर्चना शाक्या ने कहा कि उन्होंने अपने संघर्षों सीख लेते हुए समाज के हर क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी। महिला सशक्तिकरण, छुआ-छूत, दलितोद्धार,वाल विवाह,दास प्रथा पर कार्य कर एक सशक्त व समर्थ भारत हमें सौंपा। डॉ चंद्रइया गोपनी, कु। विभा मौर्य, डॉ राजेश प्रसाद ने भी अपने विचार रखे। अध्यक्षीय संबोधन में प्रो.योगेश्वर तिवारी ने कहा कि डॉ अम्बेडकर के योगदान को मात्र अछूतोद्धार और संविधान निर्माण तक संकुचित नहीं कर सकते बल्कि उसके बहुत सारे कोण हैं जो नव भारत के निर्माण में बैक बोन बने।
एनसीआर मुख्यालय में दी गयी श्रद्धांजलि
महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे ने वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ डॉ बी आर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी नंद किशोर ने बाबा साहेब के समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए संघर्ष पर विस्तार से चर्चा की। शेषनाथ पुष्कर ने समानता के संबंध में भारतीय संविधान के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की।
दिनेश कुमार, लालसा राम नेश्रद्धांजलि दी। जीएम ने डॉ अंबेडकर को उच्च साहस वाला व्यक्ति बताया। संचालन अवधेश कुमार ने किया।
सपा ने आयोजित की श्रद्धांजलि सभा