प्रयागराज ब्यूरो । बोर्ड लगाने के बाद गंगा के पानी में की गई डीप वाटर बैरिकेडिंग का जल पुलिस ने बढ़ाया दायरा, नाविकों व पुरोहितों को सौंपी गई जिम्मेदारी
घाट पर लगाए गए बोर्ड के ऊपर लिखा गया है गंगा के पानी में उत्पन्न खतरे की बात, मानक यानी बैरिकेडिंग के भीतर स्नान की हिदायत
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: गंगा नदी में फाफामऊ घाट पर डूबने की लगातार हो चुकी कई घटनाओं को देखते हुए पुलिस अलर्ट हो गई है। स्नान के लिए आने वालों को खबरदार करने वाला बोर्ड इस घाट पर लगा दिया गया है। शिवकुटी थाना प्रभारी के जरिए रविवार को लगाए गए इस बोर्ड में पब्लिक को अलर्ट करने वाली कई बातें लिखी गई हैं। साथ ही घाट पर पानी में बनाई गई डीप वाटर बैरिकेटिंग का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। घाट पर लगाए गए बोर्ड और वाटर बैरिकेडिंग की देख-रेख का दायित्व घाट पर रहने वाले कुछ पुरोहितों व नाविकों को सौंपी गई है। पुरोहित व नाविक लोगों को वाटर बैरिकेडिंग के आगे स्नान के लिए जाने से लोगों को मना करेंगे। नियमों का पालन नहीं करने वालों की जानकारी कोई भी बोर्ड पर लिखे थाना प्रभारी के मोबाइल नंबर दे सकता है। ऐसे लोगों को समझाने के लिए पुलिस के जवान खुद घाट पर पहुंचेंगे। यह व्यवस्था शनिवार को गंगा में डूबे दो बालकों की बॉडी बरामद होने के बाद की गई है। बरामद बालकों की बॉडी का परिवार के लोग पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिए। पुलिस ने कहा कि ऐसी स्थिति में लिखा पढ़ी के बाद दोनों की बॉडी उनके परिजनों को सौंप दी गई है।


घाट से घर तक पसरा रहा गम और मातम
शांतिपुरम गुरुकुल मांटेसरी स्कूल में इंटर के छात्र रमन द्विवेदी व कृष्णा मिश्र दोस्त विपुल, सार्थक व अजीत सहित अन्य के साथ शनिवार को क्रिकेट मैच खेलने के लिए बेला कछार पहुंच गए थे। मैच खेलते-खेलते सभी गंगा स्नान के लिए फाफामऊ घाट पर पहुंच गए थे। बताते हैं कि बालक गंगा की लहरों पर वे सभी वालीबाल खेलने लगे। खेलते- खेलते बालक रमन और कृष्णा मिश्र गहरे पानी में चले गए। दोनों को गंगा में डूबते ही देख कर दोस्त सन्नाटे में आ गए। डूब रहे दोस्तों को बचाने के लिए साथ रहे बालक शोर मचाने लगे। शोर सुनकर नाविक व घाट पर रहे पुरोहित दौड़ पड़े। नाविक दोनों को बचाने की कोशिश में जुट गए। जबकि कुछ अन्य लोगों के द्वारा जानकारी पुलिस को दी गई। खबर पाते ही शिवकुटी व फाफामऊ थाना प्रभारी जवानों के साथ घाट पर पहुंचे। एनडीआरएफ व गोताखोर एवं जल पुलिस की मदद से दोनों बालकों की तलाश शुरू की गई। देर शाम तक तलाश में चलाया गया सर्च ऑपरेशन बेनतीजा रहा। दूसरे दिन सुबह होते ही रविवार को पुलिस ने पूरी टीम के साथ फिर दोनों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस बीच खबर पाकर चंदौली से घर शांतिपुरम आए रमन के पिता हेड कांस्टेबल शिवमूर्ति द्विवेदी व उनके पड़ोसी और कृष्णा मिश्र के पिता हाईकोर्ट के अधिवक्ता लोकेश मिश्र भी परिवार संग घाट पर मौजूद रहे। शिवकुटी पुलिस के मुताबिक तलाश में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों बालकों की बॉडी फाफामऊ घाट और नारायणी आश्रम के बीच बरामद कर ली गई। बॉडी मिलते ही दोनों के परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों ने डूबे हुए बालकों की बॉडी का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। इस पर पुलिस के जरिए दोनों के परिवार वालों को बालकों की बॉडी सौंप दी गई।



घाट पर डूबने से हो चुकी है पांच मौत
फाफामऊ घाट व पुल के नीचे गंगा में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गई। यह सारी घटनाएं अप्रैल महीने के 21 दिनों में हुईं। इस 21 दिन में डूबने से हुई पांच लोगों की मौत से सिर्फ पब्लिक ही नहीं पुलिस व जल पुलिस एवं गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम भी हैरत में हैं। पुलिस की मानें तो करीब दस दिन पूर्व तेलियरगंज बर्तन वाली गली के दो बालक डूब गए थे। तीसरे दिन की बॉडी दारागंज शास्त्री ब्रिज के नीचे बरामद की गई थी। इसी के बाद उसके साथ डूबे दूसरे बालक की भी बॉडी मिली थी। इस घटना के पहले अंतिम संस्कार में फाफामऊ घाट आए एक युवक की स्नान करते वक्त डूबने से मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक करीब चार दिन बाद उसकी भी बॉडी बरामद की गई थी। शनिवार को फिर फाफामऊ घाट पर शांतिपुरम के दो बालकों की डूबने से मौत हो गई। उन दोनों की बॉडी रविवार को बरामद हुई। इसी तरह फाफामऊ घाट पर एक के बाद एक डूबने से हो रही मौत की घटना को रोकने के लिए पुलिस सतर्क हो गई है।



बोर्ड पर लिखकर सतर्क किए गए हैं लोग
गंगा घाट पर डूबने से हो रही मौत को देखते हुए शिवकुटी पुलिस के द्वारा रविवार को फाफामऊ घाट आने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए एक बोर्ड लगाया गया। इस बोर्ड पर सबसे ऊपर बड़े अक्षरों में आवश्यक सूचना लिखा गया है।
उसके नीचे पुलिस के द्वारा लिखा गया है कि 'आप लोगों को यह सूचित किया जाता है कि इस समय इस यानी फाफामऊ घाट पर गंगा जी काफी गहरी हैं। स्पष्ट लिखा गया है कि आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस लिए पुलिस प्रशासन व जल पुलिस द्वारा बनाए गए गए मानक के अंदर ही स्नान करें।
अन्यथा आप भी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं.Ó इसी तरह जल पुलिस की मदद से घाट पर लगाई गई डीप वाटर बैरिकेटिंग का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। रविवार को यह बोर्ड लगाते हुए थाना प्रभारी के जरिए कुछ सीनियर घाट पर रहने वाले पुरोहितों एवं नाविकों को भी निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।
उन्होंने कहा है कि सभी लोग इस बात का ध्यान दें कि कोई भी शख्स स्नान के लिए डीप वाटर बैरिकेटिंग की सीमा को नहीं लांघे। यदि मना करने पर कोई नहीं मानता तो उसके बारे में बोर्ड पर लिखे नंबर पर सूचना दें। ताकि उसे समझा कर खतरे से अवगत कराया जा सके।



गंगा में पानी कम जरूर है पर गहरान काफी अधिक। घाट पर नाविकों व मछुआरों से की गई बात से पता चला है कि पानी के सतह में जगह-जगह जान लेवा गड््डे हैं। यही वजह है कि लोग ज्यादा पानी में नहाने की चाह में डूब जा रहे हैं। बच्चों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। कई घटनाएं हो चुकी हैं ऐसे में स्नानार्थियों को सतर्क करने के लिए बोर्ड लगा दिया गया है। नाविकों व कुछ पुरोहितों को भी नजर रखने के लिए कहा गया है। डीप वाटर बैरिकेटिंग की सीमा के स्नान से खतरा कम होगा। यह व्यवस्था जल पुलिस के द्वारा कराई गई है।
मनीष कुमार त्रिपाठी, थाना प्रभारी शिवकुटी