कोविड घाट पर असहाय व लावारिस बॉडी के अंतिम संस्कार में मदद के लिए लकडि़यां देगा एयू
नगर आयुक्त को कैंपस में पड़ी निष्प्रयोज्य लकडि़यां एकत्र करने को भेजा पत्र
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PRAYAGRAJ: जिले में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के साथ ही अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए स्पेशल कोविड घाट पर मनमानी का दौर भी शुरू हो गया था। जिसके कारण कोरोना संक्रमण से अपनों को खोने वाले परिजनों को आर्थिक रूप से काफी परेशान होना पड़ रहा था। खासतौर पर अंतिम संस्कार के लिए लकडि़यों के मनमाने दाम ने लोगों को परेशान कर दिया था। यही कारण था कि बड़ी संख्या में लोगों ने घाट पर शव को जलाने से बेहतर उन्हें दफनाना शुरू कर दिया। ऐसे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने ऐसे असहाय लोगों की मदद के लिए कैंपस में पड़ी लकडि़यों को दान करने का निर्णय लिया। इसके लिए यूनिवर्सिटी की ओर से नगर आयुक्त को पत्र भेजा गया। गुरुवार को भेजे गए पत्र में नगर आयुक्त से लकडि़यों को कैंपस से मंगवाने की बात कही गई है।
जरूरतमंदों को उपलब्ध कराएंगे
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की ओर से नगर आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कैंपस में पड़ी लकडि़यों को वहां से मंगवा लिया जाए। उसके बाद कोविड घाट पर नगर निगम के कर्मचारी जरूरत मंदों को उनकी आवश्यकता के अनुसार नि:शुल्क लकडि़यां प्रदान करें। जिससे कोरोना से हुई मौत का अंतिम संस्कार किया जा सके। यूनिवर्सिटी के सम्पत्ति अधिकारी राजीव मिश्र की ओर से भेजे गए लेटर में कैंपस में पड़ी प्रयोगहीन लकडि़यों को शीघ्र उठवाने की व्यवस्था करने के लिए सहयोग मांगा गया है।
4000 हजार में हो रहा अंतिम संस्कार
दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण कम होने के कारण कोरोना घाट की स्थिति में भी सुधार होने लगा है। पहले जहां एक दिन में दर्जनों शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे थे। मौत का ग्राफ कम होने के कारण अब एक या दो शव ही पहुंच रहे है। दूसरी ओर प्रशासन की कड़ाई के कारण अंतिम संस्कार को लेकर होने वाली मनमानी भी खत्म हो गई है। कोरोना के पीक के समय जहां एक शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को 8 से 10 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते थे। वहीं अब अंतिम संस्कार पर 4000 रुपए ही परिजनों से लिए जा रहे है। अंतिम संस्कार कराने वालों ने बताया कि इसमें अंतिम संस्कार में खर्च होने वाली लकडि़यों के साथ ही अंतिम संस्कार कराने वाले की फीस भी शामिल है।
नगर आयुक्त को पत्र भेजकर दान की गई लकडि़यों को उठवाने की व्यवस्था के लिए सहयोग मांगा गया है। जिससे कोरोना से मरने वालों के शव का सही प्रकार से अंतिम संस्कार कराया जा सके। ये लकडि़यां निशुल्क दी जानी है।
राजीव मिश्रा
सम्पत्ति अधिकारी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी