प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400 प्रतिशत फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे आमरण अनशन के 16 वें दिन आंदोलनकारी छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्र ंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशाशन को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक फीस वृद्धि वापस नहीं ले ली जाती हमारा यह आमरण अनशन यूं ही अनवरत जारी रहेगा। प्रेस कॉन्फ्र ंस का जवाब देते हुए मुख्य आंदोलनकर्ता अजय यादव सम्राट ने कहा कि इससे पहले हमने गांधीवादी तरीके से विश्वविद्यालय समेत जिला प्रशासन एवं दिल्ली के मुख्यालयों के दरवाजे खटखटाये लेकिन कहीं से भी हमें जवाब नहीं मिला। जिसके कारण हम छात्रों को बेबस होकर आमरण अनशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। पिछले कई दिनों से दर्जनों छात्र सामूहिक आत्मदाह करने का प्रयास कर रहे हैं? इसके बाद भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा। यही तक नहीं दबाव बनाने के लिए हम लोगों के ऊपर फर्जी मुकदमे कराये जा रहे हैं। पीडीए की टीम घर भेज कर बुलडोजर से हटाने की धमकी दिलवायी जा रही है।

एयू में अघोषित आपात काल

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई अखिलेश यादव ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है। पिछले 16 दिनों से यहां पर छात्र आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय में संवादहीनता इस कदर लागू है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी प्रशासनिक अधिकारी हम लोगों की मांगों को सुनने अभी तक नहीं आया है। इस आंदोलन को कुचलने के लिए अपने सारे हथकंडे अपनाए हैं। जिस कारण बतौर छात्रसंघ उपाध्यक्ष मैं भी इस आंदोलन में आमरण अनशन पर बैठूंगा। यदि इस दौरान कुलपति फीस वृद्धि वापस नहीं लेती हैं तो इनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। आमरण अनशन पर बैठे पांच सदस्यीय छात्रों में मुख्य आंदोलन के नेतृत्व करता अजय यादव सम्राट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई अखिलेश यादव, सारस्वत नितिन भूषण, अजय पाण्डेय बागी, सिद्धार्थ कुमार गोलू हैं। इस दौरान हरेंद्र यादव, जितेंद्र धनराज, राहुल पटेल, आयुष प्रियदर्शी, सत्यम कुशवाहा, नवनीत यादव, अजय पांडे बागी, अमित द्विवेदी, ज्ञान गौरव, सिद्धार्थ गोलू, शिव शंकर सरोज आदि मौजूद रहे।

आमरण अनशन का आज 16वां दिन है। यह जब तक जारी रहेगा जब तक मांगे मान नहीं ली जाती हैं। यह गरीबों की पढ़ाई से जुड़ा मामला है और इसमें कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

अजय सम्राट, छात्र नेता