फर्जी आईडी लेकर पहुंचे शातिर ने दिया था 20 से 25 लाख में उन्हें महामंडलेश्वर बनवाने का झांसा
साध्वी की सूचना पर हिरासत में लिए गए शातिर के खिलाफ फ्राड सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज
प्रयागराज (ब्यूरो)। गिरफ्तार किया गया शातिर अभियुक्त बागपत जिले के टिटहरी निवासी यशपाल शर्मा का बेटा योगेंद्र शर्मा है। पुलिस के मुताबिक शनिवार को वह अरैली स्थित साध्वी त्रिकाल भवंता के आश्रम पहुंचा था। साध्वी त्रिकाल भवंता द्वारा पुलिस को बताया गया था कि शातिर हरिद्वार में रहने वाले निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित कई संतों को जहर देकर मारने की बात कह रहा था। कहना था कि यदि वह कहें तो एक जनवरी को वह इस घटना को अंजाम दे सकता है। ऐसा करने से साध्वी त्रिकाल भवंता को महमंडलेश्वर बनने में मदद मिलेगी। साध्वी त्रिकाल भवंता के द्वारा शातिर से आईडी मांगी गई। वह फ्राड खुद को विक्रम पुत्र रामलाल बताया था। इसी नाम से उन्हें आईडी भी दिया था। संतों को जहर देने की बात सुनकर साध्वी द्वारा सूचना पुलिस को दी गई थी।
नैनी पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ और छानबीन शुरू की गई। जांच व पूछताछ में शातिर ने अपना असली नाम पुलिस को योगेंद्र शर्मा बताया। पुलिस की मानें तो वे खुद स्वीकार किया कि विक्रम नाम की उसकी आईडी फेक है। वे कबूल किया कि वह साध्वी त्रिकाल भवंता से 20 25 लाख रुपये की डिमांड किया था। कहा था कि यह पैसा देने पर वे उन्हें महामंडलेश्वर बनवा देगा। महामंडलेश्वर बनने के बाद खुद को उपाध्यक्ष बनाने की भी शर्त रखा था। निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित कई संतों को जहर देकर मारने की बात कहने से इंकार किया है। हालांकि साध्वी त्रिकाल भवंता द्वारा दी गई तहरीर में रुपये मांगकर ठगी की कोशिश करने व निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित कई संतों को जहर देकर मारने की बात कही गई है। उनकी इसी तहरीर पर नैनी पुलिस शातिर योगेंद्र शर्मा उर्फ विक्रम के खिलाफ भ्रमित करने, फर्जी आईडी देने व फ्राड करने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
प्राप्त तहरीर पर शातिर फ्राड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कोर्ट में पेश करके उसे जेल भेजा जाएगा। पूछताछ में फेक आईडी देने व ठगी की बात साबित हुई। संतों को जहर देने जैसी बात को उसके जरिए कबूल नहीं की गई।
अजीत सिंह चौहान, एसीपी करछना