प्रयागराज ब्यूरो आपको क्या लगता है, पिस्टल सामने हो तो फिर किसी की हिम्मत है न करने की। उस पर भी जब पिस्टल अतीक ने अपने सामने रखी हो तो फिर किसी की क्या मजाल कि वो न कर दे। अतीक की बात को अनसुना कर दे। अतीक अहमद जब खुद किसी से धंधे की बात आमने-सामने करता था तो अपने सामने मेज पर पिस्टल रखता था। इसके बाद ही वह अपनी बात शुरू करता था। अतीक के डराने का यह अंदाज सामने वाले को इस कदर भयभीत कर देता था कि फिर अतीक की बात टालना यानि मौत को दावत देना हो जाता था। और यही हुआ गौसपुर कटहुला किसानों के साथ। अतीक ने उन सब को इस कदर डराया कि किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह अतीक के कहने के बाद भी जमीन लिखने से इंकार कर देते। अतीक के खौफ का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि पंद्रह बीघा जमीन की कीमत अतीक ने चार लाख और दो बीघा की कीमत दो लाख रुपये दी। अन्य चार बीघा जमीनों के मालिकों को भी फुटकर में निपटा दिया।
जमीन की सौदेबाजी पंसद थी अतीक को
माफिया अतीक जमीन का कीड़ा था। उसे जमीन का धंधा इस कदर रास आया कि उसने पैसे बनाने के लिए अपने रसूख के दम पर जमीन की खरीद शुरू कर दी। बमरौली एयरपोर्ट की वजह से उसकी नजर कटहुला की जमीनों पर पड़ गई। और इसी के साथ कटहुला के किसानों पर वज्रपात हो गया। अतीक ने 2015 में कटहुला के रमेश कुमार, शिव बाबू, रामबाबू, श्यामबाबू, दिलीप कुमार, महेश कुमार, राहुल कुमार पुत्रगण श्रीलाल, दुबासा पत्नी श्रीलाल, ज्ञानेंद्र कुमार पुत्र शिवबरन सिंह की 16 बीघा जमीन हुब लाल निवासी मानपुर थाना लालापुर के नाम करवा दी। इन लोगों के अलावा मुंशी लाल की तीन बीघा, महादेव की दो बीघा और प्रेेमचंद, राजेश पुत्रगण रशिक लाल, संवरिया पत्नी रशिक लाल की पौने दो बीघा जमीन भी हुब लाल के नाम करवा दी। इन सारी जमीनों की रजिस्ट्री एक ही दिन 14 अगस्त 2015 को हुई।
अतीक को मालूम था, बढ़ जाएगी कीमत
अतीक अहमद को जमीन का धंधा मालूम था। शायद उसे मालूम था कि आज कटहुला की जमीनों की भले ही कोई पूछ नहीं है, मगर एक वक्त आएगा कि इन जमीनों के दाम आसमान छुएंगे। इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि महज आठ साल पहले इन जमीनों की सरकारी मालियत एक करोड़ चौरासी लाख साठ हजार दो सौ पचास रुपये थी। जबकि मौजूदा समय में इन जमीनों की सरकारी कीमत बारह करोड़ बयालिस लाख उनहत्तर हजार एक सौ रुपये है। यानि आठ साल में जमीनों की कीमत छह गुना बढ़ गई। पंद्रह बीघा जमीन की कीमत अतीक ने चार लाख रुपये दी, जबकि दो बीघा जमीन की कीमत दो लाख रुपये दी।
कोई नहीं पहुंचा शिकायत करने
गौसपुर कटहुला के किसानों पर माफिया अतीक अहमद का खौफ इस कदर तारी था कि अतीक के कहने पर हुबलाल को जमीन लिखने वाला कटहुला का कोई भी शख्स उसके मर जाने के बाद भी पुलिस के पास शिकायत करने नहीं पहुंचा। ये तो जून में अब अतीक की बेनामी संपत्तियों की तलाश शुरू हुई तो पुलिस जब हुब लाल के घर पहुंची तो उसे कटहुला के किसानों का पता चला। इसके बाद जमीन लिखने वाले चार किसानों में से केवल दो परिवार पुलिस के सामने आए। एक श्यामबाबू और दूसरा स्वर्गीय महादेव का बेटा जितेंद्र। इन दोनों ने पूरी कहानी पुलिस को बताई। इसके बाद अतीक की कटहुला में बेनामी संपत्ति का राज खुल सका।
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दूसरी खबर
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अतीक का बंगला मन्नत होगा कुर्क
गौसपुर कटहुला में कुर्क हो चुकी है 21 बीघा जमीन
प्रयागराज
अतीक की संपत्तियों के कुर्क होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। सोमवार को गौसपुर कटहुला में अतीक की 21 बीघा बेनामी संपत्ति कुर्क की जा चुकी है तो अब अतीक की एक और संपत्ति की कुर्क करने की तैयारी है। अतीक की ये संपत्ति ग्रेटर नोएडा में है।
इस बंगले का नाम अतीक ने मन्नत रखा था। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में अतीक को यह बंगला आवंटित हुआ था। इसी बंगले में रहकर अतीक का एक बेटा नोएडा के नामी कॉलेज में पढ़ता था। अतीक की बेनामी संपत्तियों की तलाश में लगी पुलिस को कुछ कागजात हाथ लगे थे। जिससे अतीक के इस बंगले के बारे में पुलिस को जानकारी हुई। अब पुलिस इस बंगले को कुर्क करने की तैयारी में है।
नंबर गेम
14 अगस्त 2015 को करवाई गई हुब लाल के नाम रजिस्ट्री
1 करोड़ चौरासी लाख रुपये थी सरकारी मालियत उस समय
12 करोड़ बयालिस लाख सरकारी मालियत है वर्तमान में
21 बीघा जमीन हुब लाल के नाम हुई रजिस्ट्री
4 परिवारों की है कटहुला की जमीन
14 सह खातेदार हैं इन जमीनों के