प्रयागराज (ब्‍यूरो)। काल्विन हॉस्पिटल के गेट पर अतीक और अशरफ की हत्या में प्रयुक्त विदेशी पिस्टल कहां से आई और किसने दी? इस तरह से पुलिस अभिरक्षा में दोनों की हत्या के पीछे किसका हाथ है। अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे का मकसद क्या है? तीनों एक साथ कैसे मिले और इस काम को अंजाम देने की बात जेहन में कहां से और कैसे आई? इस तरह के तमाम सवाल एसआईटी टीम अब अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटरों से करेगी। 15 अप्रैल की रात इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले तीनों शूटरों को एसआईटी द्वारा चार दिनों की कस्टडी रिमांड पर लिया गया है। कस्टडी रिमांड के लिए एसआईटी द्वारा दी गई अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अर्जी पर अदालत ने तीनों को चार दिनों के लिए कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया है। चौथे दिन 23 अप्रैल की शाम पांच बजे एसआईटी फिर तीनों शूटरों को कोर्ट में पेश करेगी।

मंगलवार को ही दे दी गई थी अर्जी
बांदा के नगर कोतवाली केवतारा क्रासिंग निवासी शूटर लवलेश तिवारी पुत्र यज्ञ कुमार व हमीरपुर जिले के कुरारा का रहने वाला मोहित उर्फ शनि पुराने पुत्र स्व। जगत सिंह और कासगंज थाना सोरो स्थित कातरवाड़ी निवासी दीपक कुमार का अरुण मौर्या शॉर्प शूटर निकले। यही वह तीन खूंखार शूटर हैं जिन्होंने काल्विन हॉस्पिटल गेट पर माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोलियों से भून दिए थे। शनिवार 15 अप्रैल की रात हुए इस डबल मर्डर का लाइव वीडियो देखकर लोगों की रूह कांप गई थी। कल्विन गेट दोनों के ऊपर गोलियां बरसा कर हत्या के बाद तीनों शूटर सरेंडर कर दिए थे। फर्जी मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे इन शॉर्प शूटरों के जरिए हत्या में विदेशी पिस्टल का प्रयोग किया गया था। गिरफ्तार किए गए इन तीनों खूंखार शूटरों को पुलिस कोर्ट में पेश की थी। अदालत के द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में तीनों को पुलिस नैनी जेल ले गई। जेल में पहले से बंद मारे गए अतीक का बेटा अली वहां इन तीनों को देखकर आपे से बाहर हो गया। जेल के अंदर बिगड़े माहौल को देखते हुए अधिकारियों ने तीनों शूटरों की जेल चेंज करने का निर्णय लिया। आनन फानन तीनों शूटरों को प्रतापगढ़ की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया है। अतीक और अशरफ मर्डर केस की जांच के लिए गठित एसआईटी के द्वारा प्रकरण की तफ्तीश शुरू कर दी गई है।

23 की शाम पांच बजे तक है समय
इस हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के द्वारा मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई थी।
कहा गया था कि अतीक और अशरफ मर्डर केस में इन तीनों शूटरों से पूछताछ किया जाना है।
कत्ल से जुड़े कई ऐसे राज हैं जिनकी जानकारी के लिए तीनों से पूछताछ किया जाना आवश्यक है।
अतीक और अशरफ की हत्या से जुड़े कई अहम राज उन तीनों के सीने में दफन है। उस सभी राज को जानने के लिए तीनों से पूछताछ किया जाना अति आवश्यक है।
कोर्ट के आदेश पर प्रतापगढ़ जेल में बंद तीनों शूटर्स बुधवार को प्रयागराज सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसी के तहत बुधवार को तीनों शूटर्स को प्रयागराज लाया गया।
पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। अदालत के द्वारा कस्टडी रिमांड की अर्जी पर सुनवाई की गई।
एसआईटी की तरफ से सरकारी अधिवक्ता द्वारा बहस की गई। इसके बाद सीजेएम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा 19 अप्रैल को दोपहर दो बजे से 23 अप्रैल 2023 की शाम पांच बजे तक के लिए तीनों शूटरों को एसआईटी को कस्टडी रिमांड पर दे दिया गया।
अदालत ने कहा है कि कस्टडी रिमांड की डेट पूरी होने के बाद तीनों अभियुक्तों को सीधे प्रतापगढ़ जेल में दाखिल कर दिया जाय।
अब इन चार दिनों में तीनों से एसआईटी कौन-कौन से राज कबूल करा पाएगी यह आने वाला वक्त बताएगा।

अतीक व अशरफ की हत्या करने वाले तीनों अभियुक्तों को एसआईटी द्वारा पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर लिया गया है। रिमांड टाइम 23 अप्रैल को शाम पांच बजे पूरा होने के बाद तीनों को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट करने के आदेश कोर्ट ने दिए गए हैं।
गुलाबचंद्र अग्रहरि जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी