प्रयागराज (ब्‍यूरो)। छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साथ अतीक अहमद रविवार को अतीत हो गया। पोस्टमार्टम के बाद भारी सुरक्षा सुरक्षा के बीच दोनों की बॉडी को रिश्तेदार कसारी मसारी कब्रिस्तान ले गए। यह वही कब्रिस्तान है जहां पर मुठभेड़ में मारे गए अतीक के बेटे असद को दफन किया गया था। असद की कब्र के पास अतीक और अतीक के बगल में अशरफ की बॉडी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। अतीक और अशरफ को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोगों उमड़ पड़े। हालांकि पुलिस ने सभी को कब्रिस्तान में जाने की इजाजत नहीं दी। कब्रिस्तान में उनकी खोदी हुई कब्र तक उन्हीं को जाने दिया गया जो अतीक और अशरफ के रिश्तेदार थे। शेष लोगों को बैरिकेटिंग के पास ही पुलिस के जवानों ने रोक दिया। दोनों की मौत को लेकर मौजूद हर शख्स गमजदा और आश्चर्य चकित रहा। पुलिस को शक था कि बॉडी पहुंचने के बाद बवाल जैसी स्थिति बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में फोर्स पहले से ही तैनात कर दी गई थी। हालांकि अतीक और अशरफ की बॉडी को दफन किए जाने के बाद मौजूद रहे लोग चुपचाप अपने घरों को लौट गये।

भारी संख्या में फोर्स रही तैनात
काल्विन हॉस्पिटल में शनिवार की रात दोनों की मौत की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने शनिवार की आधी रात के बाद अतीक और अशरफ की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए एसआरएन हॉस्पिटल प्रिमाइस में स्थिति मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया था। रविवार को दोनों की बॉडी का पोस्टमार्टम होना था। इसके लिए रात में ही चार डॉक्टर्स का पैनल गठित कर दिया गया था। सुबह पोस्टमार्टम होने से पहले ही लोगों की जबरदस्त भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी। कसारी मसारी में हर कोई पोस्टमार्टम के बाद दोनों की बॉडी के आने आने का इंतजार कर रहा था। वीडियोग्राफी के साथ दोनों की बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम से पहले दोनों की बॉडी का एक्सरे कराया गया। इससे पता चल गया कि बॉडी में कितनी गोली लगी है। उसका कोई अंश बॉडी के भीतर रह तो नहीं गया है। एक्सरे के बाद वीडियोग्राफी के साथ बॉडी का पोस्टमार्टम शुरू हुआ। शाम करीब साढ़े छह बजे के करीब सबसे पहले अतीक की बॉडी पोस्टमार्टम हाउस से निकाली गई।

एंबुलेंस से ले जायी गयी बॉडी
दोनों की बॉडी को रिसीव करने के लिए अतीक के दो जीजा मो। अहमद व एक अन्य और तीन भांजे और एक बहन पहले से पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गए थे। इन रिश्तेदारों की मौजूदगी में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अतीक और अशरफ की बॉडी को सीधे कसारी मसारी कब्रिस्तान में ले जाया गया। जहां पर असद की कब्र के पास पहले अतीक फिर उसके बगल अशरफ की बॉडी को दफन किया गया। बेटे को सिपुर्द-ए-खाक किये जाने के ठीक दूसरे दिन हुई अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर लोग सन्नाटे में थे। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह से दोनों की हत्या हो जाएगी। अतीक और अशरफ के अंतिम सफर में पहुंचे लोगों के दिल में आक्रोश का लावा धधक रहा था। सभी इस आग को सीने में दबाए हुए थे। हर किसी के चेहरे पर अतीक ब्रदर्स की मौत को लेकर गम साफ दिखाई दे रहा था।

रात में भी पहरा देती रही पुलिस
अतीक ब्रदर्स को दफन करते वक्त जिस बवाल की आशंका से पुलिस ग्रसित थी लोग उसे झूठा साबित कर दिया। बगैर कुछ बोले अतीक और उसके भाई अशरफ को को नाते रिश्तेदार और दफन किए और वापस लौट गए। अतीक के रिश्तेदारों के जाते ही चकिया और कसारी मसारी एवं करेली व अटाला से पहुंचे लोग भी शांतिपूर्वक वापस घरों को चले गए। बावजूद इसके इन इस इलाके में रात के वक्त भी भारी संख्या में फोर्स तैनात रही। इन जवानों में सिर्फ पुलिस ही नहीं पीएसी और आरएएफ भी शामिल रही।