प्रयागराज ब्यूरो । पुलिस द्वारा आख्या पेश करने के लिए कोर्ट ने नियत की 13 अप्रैल की डेट
आईएस 227 गैंग के सरगना अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी उमेश पाल मर्डर केस में आत्म समर्पण करना चाहती है। इसके लिए उसकी ओर से अधिवक्ता द्वारा सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई है। कोर्ट में दी गई अर्जी में उसने कहा है कि वह आत्म समर्पण करके जमानत कराना चाहती है। उसने लिखा है कि टीवी व न्यू पेपर से पता चला है कि उमेश पाल मर्डर मर्डर केस में उसे भी अभियुक्त बनाया गया है। अर्जी पर कोर्ट ने मामले में 13 अप्रैल की डेट नियत करते हुए धूमनगंज पुलिस से आख्या मांगा है।
शूटर को संरक्षण देने का आरोप
मेरठ के चश्मे वाली गली भवानी नगर हापुड़ रोड मेरठ निवासी अतीक की बहन आयशा नूरी डॉ। अखलाख की बीवी है। यह वही अखलाख है जिसे उमेश पाल मर्डर केश में शामिल शूटर गुड्डू मुस्लिम को घर में पनाह दिया था। शूटर को संरक्षण देने के मामले में कुछ दिन पहले ही ट्रिपल मर्डर की जांच में जुटी पुलिस ने अखलाख को गिरफ्तार किया था। मेरठ स्थित घर पहुंचे अतीक के शूटर गुड्डू का अखलाख ने गर्मजोशी के साथ मेजबानी किया था। अतीक की बहन भी पति अखलाख के साथ उसकी सेवा में लग गई थी।
वीडियो वायरल हुआ था
खूंखार शूटर की मेजबानी कर रहे अखलाख और उसकी पत्नी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। बताते चले कि 24 फरवरी को धूमनगंज सुलेमसराय जयंतीपुर में हुए उमेश पाल व उसके दो गनर की हत्या हुई थी। दिनदहाड़े हुई इस घटना में शूटर गुड्डू मुस्लिम भी शामिल था। सीसीटीवी कैमरे के मिले फुटेज से पुलिस उसकी पहचान की थी। शूटर को घर में संरक्षण देने के के मामले में पहले अतीक का जीजा अखलाख अब उसकी पत्नी व अतीक की बहन आयशा नूरी का नाम भी पुलिस ने शामिल किया है। इसी मामले में आयशा नूरी की ओर से उसके अधिवक्ता द्वारा सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई है। अर्जी में उसने कहा है कि टीवी व न्यूज पेपर से मालूम चला है धूमनगंज पुलिस उसे भी हत्या के मामले में अभियुक्त बनाया है। यदि ऐसा है तो वह कोर्ट में आत्म समर्पण करके जमानत कराना चाहती है। उसकी अर्जी पर कोर्ट के द्वारा धूमनगंज पुलिस से मामले में आख्या मांगी गई है।
पूर्व में गिरफ्तार अखलाक की पत्नी आयशा नूरी ने कोर्ट में सरेंडर अर्जी दी है। उसकी अर्जी पर सीजेएम कोर्ट के द्वारा 13 अप्रैल की डेट नियत की गई है। इस डेट पर पुलिस अपनी आख्या कोर्ट में पेश करेगी।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी