प्रयागराज ब्यूरो । अतीक अहमद को लेकर अहमदाबाद की साबमरती जेल से रवाना प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ की टीम के आगे-पीछे मीडिया की गाडिय़ां ही नहीं, अतीक की बड़ी बहन आयशा भी परिवार की महिलाओं और वकील के साथ लगी रही। वह गुजरात से यूपी में नैनी सेंट्रल जेल तक पुलिस टीम के पीछे लगी रही क्योंकि आशंका थी कि कहीं अतीक का एनकाउंटर न कर दिया जाए।

जेहन में था विकास दुबे कांड

अतीक को गुजरात से प्रयागराज लाये जाने के दौरान रास्ते में इनकाउंटर की आशंका खुद अतीक ने जताई थी। उसने वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी कराने का आग्रह करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक में अर्जी दाखिल कर रखी थी। इसके पीछे था कानपुर का विकास दुबे कांड। कथित रूप से कहा जा रहा था कि विकास स्टाइल में ही पुलिस अतीक को भी निबटा सकती है। अतीक की आशंका के बाद उनका पूरा कुनबा चिंतित था। शायद यही कारण था कि पुलिस अतीक को लेकर साबरमती जेल पहुंची तो पीछे पीछे उसकी बहन आयशा और वकीलों की टीम पहुंच गयी। वे सेपरेट गाड़ी से थी। उन्होंने पूरे रास्ते सिर्फ वेट एंड वॉच का रोल प्ले किया.अहमदाबाद से अतीक के काफिले के पीछे आ रही बहन आयशा ने झांसी में पुलिस लाइन के बाहर मीडिया से बात की और कहा कि भाई की जान को खतरा था इसलिए वह गुजरात से ही पीछे-पीछे कार में अपने वकील के साथ आ रही है।

शहर में भी रहेगी चौकसी

कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए शहर में भी चौकसी बरती जा रही है। खासकर संवेदनशील इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में लगातार गश्त कर रहे हैं। कसारी-मसारी, चकिया, खुल्दाबाद, करेली, धूमनगंज, अतरसुइया, चौक, बेली, शाहगंज, पूरामुफ्ती इलाके में लोगों के बीच चल रही हलचल को ध्यान में रखते हुए भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सोमवार को सिविल लाइंंस, कटरा, कर्नलगंज सहित अन्य स्थानों पर सड़क किनारे लगे ठेले को हटाने के पीछे भी सुरक्षा की वजह बताई गई है।