प्रयागराज ब्यूरो । अतीक अहमद की बेगम शाइस्ता परवीन आज भागी-भागी फिर रही हैं। कानून की चकरी में पिस रहे परिवार को एक झलक देख पाना भी उसके लिए मुश्किल हो गया है। शाइस्ता परवीन पर घोषित इनाम की राशि बढ़ाकर कमिश्नरेट की पुलिस गिरफ्तारी की नाकामी पर पर्दा डालने में जुटी है। इनामी रकम 25 हजार से 50 हजार किए जाने के बाद पब्लिक से दूर हुई पुलिस को उम्मीद है कि लोगों की मदद से उस तक पहुंच जाएगी। शाइस्ता परवीन उमेश पाल और उसके दो गनर की हत्या में नामजद आरोपित है। घटना को हुए 40 दिन से अधिक का समय बीत गया है। आज तक केस के वांछित एक भी नामजद पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। गिरफ्तारी को लेकर पुलिस सिर्फ हवा में हाथ पांव चला रही है। आरोपितों के नहीं पकड़े जाने से पीडि़तों के परिवार पर खतरा मंडरा रहा है। कानून से आंख मिचौली खेलने में माहिर अतीक फैमिली के इस हुनर को देखते हुए गुर्गों के भी हौसले टूटने का नाम नहीं ले रहा है।

घूम रहे शूटर पीडि़तों के लिए खतरा
बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस में गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो गनर संदीप निषाद एवं राघवेंद्र सिंह को 24 फरवरी को दिन के उजाले में गोलियों से भून दिया गया था। धूमनगंज के सुलेमसराय जयंतीपुर में गोलियों की तड़तड़ाहड़ और बम के धमाकों की गूंज से पूरा जिला ही नहीं प्रदेश तक हिल गया था। इस मामले में मारे गए उमेश पाल की पत्नी जया पाल के द्वारा तहरीर दी गई थी। उसकी तहरीर पर धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और पत्नी शाइस्ता परवीन एवं गुड्डू मुस्लिम और गुलाम एवं अतीक के बेटे कई अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। सीएम की नाराजगी को देखते हुए यही पुलिस के अधिकारी मशीन की तरफ आरोपितों के पीछे पड़ गए थे। इस बीच 27 फरवरी को पूरामुफ्ती के सल्लाहपुर निवासी अरबाज उर्फ अफाक पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया था। इसी के कुछ दिन बाद फिर एक मुठभेड़ कौंधियारा में हुई। इस मुठभेढ़ में भी ढेर युवक को पुलिस अतीक का गुर्गा करार दी थी। जिस तेजी के साथ अतीक के इन गुर्गों को ढेर किया गया उससे लगा कि जल्द ही केस में नामजद अभियुक्त भी सलाखों के पीछे होंगे। सरकार का ध्यान थोड़ा इस केस से हटा कि पुलिस फिर कछुए की चाल चलने लगी है। लोगों का कहना है कि उमेश पाल और दो गनर की हत्या को हुए आज 40 दिन दिन से अधिक का समय बीत गया। मगर जेल से बाहर घूमर रहे एक भी नामजद आरोपित को अब तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। वह शाइस्ता परवीन हों या गुड्डू मुस्लिम या गुलाम अथवा अतीक का बेटा असद ही क्यों नहीं हो। असद का नाम वीडियो फुटेज की चेकिंग के बाद बतौर शूटर प्रकाश में आया था। अभी तक गिरफ्तारी के लिए पुलिस शाइस्ता परवीन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित की थी। पुलिस को उम्मीद थी कि इस इनाम के लालच में पब्लिक का गिरफ्तारी में सपोर्ट मिलेगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। अब इनाम पुलिस इनाम राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी है। कहा जा रहा है कि इनाम घोषित करने के बाद भी पुलिस को पब्लिक का सपोर्ट नहीं मिलने के लिए बड़ी वजह लोगों से पुलिस की दूरी है। लोगों में चर्चा है कि खुलेआम घूम रहे उमेश पाल मर्डर केस के नामजद व प्रकाश में आए आए शूटरों की गिरफ्तारी नहीं होने से पीडि़त परिवारों के लिए खतरा बना हुआ है।