प्रयागराज (ब्यूरो)। आईएस 227 गैंग के सरगना रहे अतीक अहमद का राइट हैंड कहा जाने वाला असद उर्फ असाद कालिया बुधवार को दबोच लिया गया। उस पर कमिश्नरेट की पुलिस के द्वारा 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। करीब डेढ़ साल से भागे-भागे फिर रहे माफिया के इस गुर्गे की पुलिस को शिद्दत से तलाश थी। इसके खिलाफ एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले में दर्ज हैं। अतीक का बेहद खास होने के चलते उसे शाइस्ता परवीन के बारे में जानकारी हो सकती है? पुलिस इस प्वाइंट को बेस बनाकर उससे इंट्रोगेशन में जुटी थी।
धूमनगंज और पुरामुफ्ती थाने में हैं मुकदमे
असद उर्फ असाद के खिलाफ मुकदमे करेली, धूमनगंज और पूरामुफ्ती थाने में दर्ज बताये गए हैं। बताया जाता है कि वह 2019 में अतीक गैंग के सम्पर्क में आया था। इसके बाद वह अतीक के लिए काम करता था। उसका मूवमेंट अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली के साथ ज्यादा था। वह वांटेड भी उसी केस में हुआ था जिसका मुख्य आरोपित अली अहमद है। लम्बे समय से वह गिरफ्तार नहीं हुआ तो पुलिस ने इनाम की राशित बढ़ाकर पचास हजार रुपये कर दी थी। अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के बाद से ही उसे लेकर तमाम बातें हो रही थीं। इस पर पुलिस ने अपनी तरफ से कोई कन्फर्मेशन नहीं दिया था।
करीब डेढ़ साल से थी तलाश
करेली पुलिस के मुताबिक असाद मूल रूप से अतीक अहमद के मोहल्ले का ही निवासी है। खुल्दाबाद थाना क्षेत्र स्थित चकिया निवासी अफाक का बेटा असद उर्फ असाद कालिया रातों रात करोड़पति बनने का ख्वाब देखा करता था। वर्ष 2019 में वह अतीक अहमद के संपर्क में आया। कुछ महीनों तक वह आईएस 227 गैंग के सरगना अतीक के आगे पीछे घूमने लगा। बताते हैं कि कुछ महीने बीत गए तो वह ऐसे परिवारों की रेकी शुरू कर दिया जिनकी बेशकीमती जमीनें थीं और वे काफी गरीब थे। रेकी के बाद वह सूचनाएं अतीक को दिया करता था। फिर जमीन के मालिक को डरा धमका कर अतीक के नाम उनकी जमीने सस्ते में लिखवाने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा। इस तरह के एक दो काम करने के बाद वह अतीक के खेमें में पहचान और विश्वास दोनों बनाने में कामयाब हो गया था। सिर पर अतीक ने हाथ रख दिया तो वह अपराध की दुनिया में रेस लगाना शुरू कर दिया। मारपीट व जान लेवा हमले करके लोगों को दहशत में डालकर जमीनें अतीक को दिलवाने लगा।
तीन थानों में दर्ज हैं आठ मुकदमें
उसकी आपराधिक हरकतें बढ़ीं तो थानों के क्राइम रजिस्टर में उसके नाम दर्ज होने लगे। वर्ष 2021 आते-आते उसका नाम अतीक अहमद के राइट हैंड गुर्गों की सूची में शामिल हो गया। करेली पुलिस के मुताबिक वर्ष 2021 के बाद 2022 व 2023 तक मारपीट, जमीन पर कब्जा, बमबाजी, हत्या के प्रयास व खान एवं खनिज अधिनियम से सम्बंधित करेली, धूमनगंज व पूरामुफ्ती थाने में आठ मुकदमें दर्ज हो गए। अतीक जेल गया तो उसके नाम पर वह खुद वसूली और जमीनों पर कब्जा करने का काम शुरू कर दिया। बताते हैं कि अतीक के बेटे अली संग असाद के द्वारा एक शख्स से सात करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। मामले में मो। अली वांटेड था।
उस पर इनाम की राशि बढ़कर 50 हजार रुपये तक पहुंच गयी तो अली ने जुगाड़ से सरेंडर कर दिया और जेल चला गया। इसके बाद भी असाद अंडरग्राउंड चल रहा था। पुलिस की तरफ से असद उर्फ असाद कालिया पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। थाना प्रभारी करेली को बुधवार सुबह खबर मिली कि इनामी वांछित असाद एनुद्दीनपुर पानी टंकी के पास किसी का इंतजार कर रहा है। खबर मिलते ही वह पुलिस फोर्स के साथ उसे घेर कर दबोच लिए। गिरफ्तार किए गए शातिर असाद के पास से पुलिस करेली पुलिस द्वारा एक तमंचा, दो कारतूस व बरामद किए जाने का दावा किया गया है।
वांछित पचास हजार रुपये के इनामी असद उर्फ असाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह अतीक के राइट हैंड गुर्गों में एक था और उसके लिए रंगदारी मांगने व जमीन पर कब्जा करने का काम करता था।
रामाश्रय यादव थाना प्रभारी करेली