प्रयागराज ब्यूरो । अधिवक्ता उमेश पाल अपहरण केस में सश्रम आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अतीक अहमद की बैरक चेंज कर दी गई है। वह अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद है। अब उसे जेल की उस बैरक में ले जाया गया है जिसमें सीरियल ब्लास्ट जैसे केस के खूंखार अपराधियों को रखा गया है। इस बैरक की सुरक्षा आम बैरक से काफी पुख्ता बताई जा रही है। कहा जा है कि चेंज की गई बैरक में हाई सिक्योरिटी है। इसमें पक्का यानी सजायाफ्ता कैदी रखे जाते हैं। एमपीएमएलए कोर्ट के द्वारा 28 मार्च कोर्ट अतीक अहमद सहित तीन लोगों को सजा सुनाई गई थी।
उमेश अपहरण में हुई है सजा
धूमनगंज सुलेमसराय जयंतीपुर निवासी अधिवक्ता उमेश पाल वर्ष 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस में गवाह थे। इस चर्चित मर्डर केस में अतीक अहमद व अशरफ सहित कई लोग नामजद किए गए थे। वर्ष 2006 में 28 फरवरी को उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। पांच जुलाई 2007 में उमेश पाल की ओर से खुद के अपहरण का मुकदमा धूमनगंज में केस दर्ज कराया गया था। अपहरण का आरोप अतीक अहमद सहित कुल 11 लोगों पर लगा था। मुकदमें के एक आरोपित की मौत हो चुकी है। मामले का ट्रायल एमपीएमए कोर्ट में चल रहा था। पिछले महीने उमेश पाल अपहरण कांड के आरोपित अतीक अहमद उसके गुर्गे दिनेश पासी व अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को कोर्ट के जरिए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। शेष अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ सहित अन्य को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त करार दिया था। आजीवन सजा के बाद अतीक अहमद को फिर पुलिस साबरमती जेल में दाखिल कर दी थी। वह पहले से भी इसी जेल में था। सूत्र बताते हैं कि साबरमती जेल में आजीवन सजा से दण्डित होने के बाद अब अतीक की बैरक बदल दी गई है। वहां उसे उस बैरक में रखा गया है जिसमें खूंखार और और बड़े अपराधी हैं। साबरमती जेल की इस हाई सिक्योरिटी इस बैरक में अब अतीक अहमद रहेगा।