प्रयागराज ब्यूरो । पुलिस के हाथ लगी रहस्यमयी डायरी के बीच एक अतीक अहमद की तस्वीर वाला पन्ना भी हाथ लगा है। अतीक अहमद की तस्वीर के ऊपर इस पन्ने पर कुछ पंक्तियां लिखी हुई हैं। लिखा है कि 'रात कितनी भी काली हो, सवेरा जरूर होता हैÓ। पन्ने पर तस्वीर के नीचे अतीक अहमद का नाम मोटे अक्षरों में लिखा है। पुलिस का मानना है कि खंडहर हो चुके मकान में डायरी छिपाने वाले गुर्गे इन पन्ने संभाल कर रखे थे। अतीक की तस्वीर और लिखी हुई पंक्तियों में उसके गुर्गों के हौसले बढ़ाया करते थे। डायरी में मिली इस पन्ने का पुलिस कई तरह से अर्थ निकाल रही है। गुर्गों को ऐसा लग रहा है कि एक दिन अतीक की कुंडली में सूरज की रोशनी जरूर पड़ेगी। इसी उम्मीद और हौसले को बनाए रखने के लिए ही गुर्गों इस पन्ने को डायरी में बहुत संजोकर रखा था। अब अतीक के जिंदगी से काली रात का अंधेरा छंटेगा या नहीं यह तो वक्त ही तय करेगा। फिलहाल अतीक की जिंदगी में आई काली रात का अंधेरा गहराता ही जा रहा है। यह डायरी पुलिस तीन दिन पूर्व अतीक के चकिया स्थित ढहाए जा चुके मकान से बरामद की थी।
इंस्टाग्राम पर भी हुआ था पोस्टर वायरल
तीन दिन पूर्व मंगलवार को उमेश पाल मर्डर केस की जांच में जुटी पुलिस पांच लोगों को कस्टडी रिमांड पर ली थी। इनमें मो। एकबाल उर्फ सजर, मो। कैश, मो। नियाज, राकेश उर्फ लाला, अरशद कटरा और कस्टडी रिमांड पर ली थी। पुलिस की अर्जी पर सीजेएम न्यायालय के जरिए छह घंटे की कस्टडी रिमांड की मंजूरी दी गई थी। पांचों को सुबह नौ बजे कस्टडी रिमांड पर लेकर पुलिस पांचों से पूछताछ की थी। इसी पूछताछ में उमेश पाल मर्डर केस के विवेचक धूमनगंज थाना प्रभारी को अतीक के चकिया स्थित खण्डहर मकान से एक डायरी व दो मोबाइल व अली के नाम के दो आधार कार्ड मिले थे। एक आधार कार्ड को पुलिस के जरिए फेक बताया गया था। डायरी में कई लोगों के नाम व रुपयों के लेनदेन का हिसाब लिखे हैं। पुलिस डायरी की गहन छानबीन शुरू की तो बीच में संभाल कर रखा गया एक पन्ना भी पुलिस के हाथ लगा। मिले हुए इस पन्ने पर अतीक अहमद की मूंछ पर ताव देते हुए फोटो छपी है। अतीक की तस्वीर के ऊपर श्लोगन अंकित है। तफ्तीश कर रही पुलिस का मानना है कि इस पन्ने को इतना संभाल करने के पीछे गुर्गों का एक खास मकसद है। इस पन्ने को दिखाकर वह साथी गुर्गों को ढांढस और औसला बंधाने का काम कर रहे होंगे। अब जो अतीक से दूरी बनाने में लगे हैं उन्हें कुछ खास गुर्गे इस तस्वीर व श्लोगन को दिखाकर अतीक के जीवन में सुबह की उम्मीद लगाने की कोशिश कर होंगे। ताकि उसके गैंग के लोगों की एकजुटता बनी रही। मिले हुए इस पन्ने को लेकर पुलिस इसी तरह के शक जता रही है। डायरी के अंदर संभाल कर रखे गए इस पन्ने का मकसद भी टटोलने में पुलिस जुट गई है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस के हाथ लगे इसी डिजाइन का एक पोस्टर इंस्टाग्राम पर भी अपलोड किया गया था। कहा जा रहा है कि इंस्टाग्राम पर यह पोस्ट उसके बेटे असद और परिवार के लोगों ने अपलोड की थी। हालांकि अब वह पोस्टर इंस्टाग्राम पर भी नजर नहीं आ रही है।
फाड़ दिए गए हैं डायरी के कई पन्ने
पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो रजिस्टर के गहन छानबीन से पता चला कि कई पन्ने फटे हुए हैं। डायरी के पन्नों का फटा होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। सूत्र कहते हैं कि यह सवाल विवेचक को भी परेशान कर रहे हैं। आखिर कई लोगों के नाम और हिसाब के पन्ने साबुत हैं तो कुछ पन्ने फाड़े क्यों गए। पुलिस अब इस बात को लेकर हैरान व परेशान है कि आखिर फाड़े गए रजिस्टर के पन्ने पर ऐसी कौन सी बात थी कि उसे फाड़ दिया गया। सूत्र तो यहां तक कहते हैं कि उस रजिस्टर में जिन पैसों का हिसाब लिखा है उसमें ज्यादातर चुनाव प्रचार के खर्चों से सम्बंधित हैं। क्योंकि शाइस्ता परवीन पति अतीक की सियासी विरासत को संभालने के लिए बसपा से मेयर के चुनाव की तैयारी कर रही थीं।