प्रयागराज (ब्यूरो)। कुल 12 डिग्री तापमान। आसमान में बादल और घना कोहरा। अगर अचानक तेज खांसी, जुकाम और बॉडी पेन होने लगे तो घबराने की जरूरत नही है। यह एलर्जी के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए बिना देरी किए खुद को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है। इस सीजन मे बड़ी संख्या में लोग एलर्जी से परेशान हो रहे हैं। जिसका सीधा सा कारण धुंध और पाल्यूशन है। सांस के जरिए यह पार्टिकल्स बॉडी में पहुंचकर एलर्जी को बढ़ावा दे रहे हैं।
काफी नीचे रहते हैं धूल के कण
इस सीजन में धुंध की वजह से धूल और धुएं के कण जमीन के काफी करीब होते हैं। जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पिछले एक सप्ताह से लगातार यही मौसम बना हुआ है। हवा में अधिक सांद्रता होने की वजह से धूल के कण श्वास नली में पहुंचकर एलर्जी को बढ़ावा दे रहे हैं। इसकी वजह से सांस की नली में सूजन और संक्रमण बढ़ रहा है।
डॉक्टरों के पास लग रही लाइन
मौसम में एलर्जी के बढ़ते मामलों की वजह से अस्पतालो में मरीजों की लाइन लग रही है। रोजाना अस्पतालों में 30 फीसदी मरीज इस तरह के पहुंच रहे हैं। जिनमें एक बड़ी संख्या एलर्जी के मरीजों की है। यह सभी सर्दी, जुकाम और सांस की दिक्कत से परेशान रहे हैं। जांच में कोई रिपोर्ट नही आने से डाक्टर भी भ्रमित हो रहे हैं। उनका कहना है कि अधिक धुंध में निकलने से बचना चाहिए, अन्यथा मास्क लगाकर ही बाहर जाना बेहतर होगा।
इम्युनिटी को बनाएं मजबूत
इस सीजन में एलर्जी से बचने के लिए बॉडी की इम्युनिटी पावर यानी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। इसके लिए ठंड में पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। अक्सर लोग ठंड के मौसम में बासी भोजन खाने लगते हैं जो उचित नही है। इसकी जगह ताजा भोजन करना चाहिए। भोजन में उचित मात्रा में फल और हरी सब्जियों को शामिल करना जरूरी है।
इन लक्षणों से रहिए होशियार
सांस लेने में परेशानी
खांसी के साथ बलगम का आना
कमजोरी और चक्कर आना
गले में दर्द या गडऩ महसूस हेाना
बचाव के तरीके
ताजा और पौष्टिक भोजन
धुंध में मास्क लगाकर निकलना
बार बार खांसी आने पर डॉक्टर की सलाह लेना
इम्युनिटी बढ़ाने वाली डाइट लेना
साफ और धुले कपड़े पहनना
रोजाना गर्म पानी स स्नान करना
वैसे तो ठंड को हेल्दी सीजन कहा जाता है लेकिन एलर्जी के मामले भी लगातार ओपीडी में आ रहे हैं। जांच में कुछ नहीं पता चलता। लक्षण एलर्जी की ओर इशारा करते हैं। इसके लिए जरूरी है कि बॉडी की इम्युनिटी का ध्यान रखा जाए।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन