प्रयागराज ब्यूरो । चार दशक तक आतंक के बूते राज करने वाले माफिया अतीक अहमद का रसूख अब मिट्टी में मिलना शुरू हो चुका है। बुधवार को पहली बार इस खानदान के किसी सदस्य का पुलिस से सीधे सामना हुआ। झांसी में यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में दोनों को मार गिराया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा, बयान को जमीन पर भी उतार दिया गया है। झांसी में पुलिस के साथ मुठभेड़ के समय खुद अतीक और उसका भाई अशरफ प्रयागराज में सीजेएम कोर्ट में पेश किये गये थे। अतीक को अपने तीसरे नंबर के बेटे को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराये जाने की सूचना आयी तो वह टूट गया। फफक पड़ा। उधर, पाल समाज के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पता चलने के बाद धूमनगंज में पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। इसके चलते इस एरिया में भीषण जाम लग गया।

पहली बार किसी घटना में सीधे सामने आया था असद
अतीक अहमद के कुल पांच बेटे हैं। सबसे बड़ा उमर देवरिया जेल कांड में जेल में बंद है। दूसरे नंबर का बेटा अली गुंडा टैक्स मांगने के मामले में नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। असद तीसरे नंबर का बेटा था। चाचा अशरफ के सबसे प्रिय असद कई बार चर्चा में आया जरूर लेकिन उसका नाम किसी आपराधिक घटना में उमेश पाल हत्याकांड से पहले सामने नहीं आया था। उमेश पाल हत्याकांड में भी उसके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी थी। उसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से हुई थी जिसमें वह उमेश पाल की मौत सुनिश्चित करने के लिए उसके घर की गली के भीतर तक घुस गया था। चौथे और पांचवें नंबर का बेटा वर्तमान समय में खुल्दाबाद बाल संरक्षण गृह में हैं। यहां भी दोनों को तनहाई में रखा गया है। इन दोनों को रिहा करने के लिए कोर्ट में अर्जी पड़ी हुई है। इस पर फैसला आना बाकी है।

बचपन से ही दबंग था असद
असद अहमद सेंट जोसेफ कॉलेज से पासआउट था। पिता उसे वकील बनाना चाहते थे। बताते हैं कि उसका फॉरेन में एडमिशन भी हो गया था लेकिन पासपोर्ट क्लीयर नहीं हुआ तो वह बाहर जाने से रह गया था। उसकी दबंगई के किस्सें सेंट जोसेफ स्कूल में भी थे। उसका एक ग्रुप था जो मनमानी किया करता था। सूत्र बतातें कि इस ग्रुप ने एक बार कॉलेज के फादर के साथ मिस विहैब किया था। इससे दु:खी होकर फादर ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत तक कर डाली थी। लेकिन, अतीक के रसूख के आगे उन्हें झुकना पड़ गया। फाइनली मामला रफा-दफा हो गया था। असद 2007 में अपने मौसा के घर शादी के समय भी चर्चा में आया था। तब अतीक की मौजूदगी में वह हर्ष फायरिंग करते हुए देखा गया था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसके चलते असद दुस्साहसी होता चला गया था।

काल खींच ले आया था गाड़ी से बाहर
सूत्र बताते हैं कि उमेश पाल हत्याकांड की योजना में असद को मौके पर मौजूद रहना था लेकिन ब्लैक शीशा लगी गाड़ी से बाहर नहीं आना था। 24 फरवरी को गोली खाकर उमेश पाल गिरा और फिर उठकर घर की तरफ भागा तो असद ने अपना भी प्लान नष्ट कर दिया। वह खुद असलहा लेकर गाड़ी से नीचे उतर आया और खुद उमेश को गोली मारी थी। दुस्साहस दिखाते हुए वह उमेश पाल के घर वाली गली के अंदर तक चला गया था। यानी वह उमेश पाल की मौत हर हाल में देखना चाहता था। गाड़ी से उतरना ही असद के लिए काल बन गया। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से असद का चेहरा पहचान में आ गया। इसके बाद पुलिस ने असद को टारगेट कर लिया था। लगातार कोशिश के बाद भी उसके बारे में कुछ पता न चलने पर पुलिस ने घटना में शामिल सभी पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। अतीक के खानदान में पहली बार किसी सदस्य पर इतनी बड़ी इनाम राशि घोषित की गयी थी।

दृश्यम-2 से प्रेरित थी योजना
उमेश पाल हत्याकांड के दौरान स्पॉट पर मौजूद भी रहे और उसका नाम भी कहीं न आये, इसे भी योजना का हिस्सा बनाया गया था। इसका पता तब चला जब पुलिस ने अतीक के लखनऊ में स्थित फ्लैट पर छापा मारा था। तलाशी के दौरान पुलिस को असद का मोबाइल वहीं पर एक्टिव मिला था। उसके एटीएम कार्ड से उमेश पाल की हत्या वाले दिन यानी 24 फरवरी को ट्रांजैक्शन भी किया गया था। यानी दृश्यम मूवी से सबक लेकर यह पृष्ठभूमि तैयार की गयी थी कि पुलिस जांच करे तो असद का प्रयागराज में होना साबित ही न हो सके। लेकिन, सारी योजना धरी की धरी रह गयी। इस राज से भी पुलिस ने न सिर्फ पर्दा उठाया बल्कि उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जिन लोगों ने इसमें असद का साथ दिया था।

घटना के बाद गया था दिल्ली
उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस के हाथ जो तथ्य लगे थे उसके मुताबिक घटना के बाद असद अपनी बुआ के घर मेरठ गया था। यहां से उसने कुछ एमाउंट लिया कुछ वक्त बिताया और चला गया। इसके बाद उसके दिल्ली जाने की सूचना थी। उसका मूवमेंट हरियाणा और पंजाब में भी होने की सूचना थी। पुलिस उसे लगातार ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली से पुलिस ने दो लोगों को उठाया तो असद के साथियों का पता चला। पुलिस उसके चार साथियों को जेल भी भेज चुकी है। रीसेंटली दिल्ली में पकड़े गये दो लोगों से ही असद के बारे में पुलिस को सुराग हाथ लगा। इसके बाद पुलिस ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया। यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश के निर्देशन में एसटीएफ प्रयागराज की युनिट लग गयी थी। इसी टीम ने दोनों को बाइक से भागते समय घेरकर असद के साथ अतीक के शूटर गुलाम को भी मार गिराया।