प्रयागराज ब्यूरो । आठ फिट गहरी कब्र खोदने के लिए सुबह से ही लग गये थे श्रमिक

एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए अतीक के बेटे असद का शव लेकर शुक्रवार देर रात रिश्तेदार झांसी से प्रयागराज के लिए रवाना हुए। एंबुलेंस में शव के साथ रिश्तेदारों और पुलिस की भी गाड़ी है। शनिवार सुबह असद का शव पहले चकिया में पैतृक निवास स्थान लाया जाएगा फिर वहां से कसारी-मसारी कब्रिस्तान ले जाकर दफनाया जाएगा। नाना हारून और मौसा उस्मान शुक्रवार सुबह प्रयागराज से झांसी के लिए रवाना हुए मगर वे रास्ते में ही रूक गए। फिर पता चला कि दूसरे रिश्तेदार रवाना हुए हैं।

शाम छह बजे पहुंचे बॉडी लेने

असद का शव लेने के लिए देर शाम करीब छह बजे अतीक के रिश्ते में बहनोई लगने वाले डा। मोहम्मद अहमद कार में ड्राइवर और दो वकीलों के साथ झांसी मेडिकल कालेज पहुंचे तो शव सुपुर्द करने के लिए कागजी कार्यवाही शुरू हुई। इसी बीच, डा। अहमद नमाज पढऩे की बात कहकर मस्जिद की तरफ गए तो बहुत देर बाद लौटे। शुक्रवार सुबह असद के शव को दफनाने के लिए कसारी मसारी स्थित कब्रिस्तान में तैयारी शुरू हो गई। दिन में 11 बजे तक कब्र खोदवा ली गई। दोपहर तक साफ हो गया कि आज शुक्रवार को असद का शव नहीं लाया जा सकेगा।

दादा के कब्र की बगल में दफन होगा

अतीक अहमद के परिवार और खानदान के लोगों का इंतकाल होने पर कसारी मसारी स्थित कब्रिस्तान में दफनाया जाता है। अतीक अहमद के पिता हाजी फिरोज अहमद का शव भी कसारी मसारी कब्रिस्तान में ही दफन किया गया था। करीबियों ने बताया कि असद के लिए उसके दादा हाजी फिरोज के कब्र के निकट ही कब्र तैयार की गई है। उसे दादा के कब्र के निकट दफनाया जाएगा।