प्रयागराज (ब्यूरो)। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी और इमरानुल्ला खान ने कहा कि याची का महंत नरेंद्र गिरि से मनमुटाव था। विवाद के बाद आनंद गिरि हरिद्वार चले गए और श्री मठ बाघंबरी गद्दी प्रयागराज से संबंध तोड़ लिया था। मई 2021 में इंदू मिश्र ने लखनऊ में गुरु-शिष्य के बीच समझौता कराया। फिर याची ने कभी गुरु से संपर्क नहीं किया और न ही नरेंद्र गिरि ने फोन किया। महंत की मृत्यु से पहले छह महीने तक याची का किसी प्रकार कोई संबंध नहीं था। मात्र अफवाह के आधार पर याची को मामले से जोड़ा गया है। महंत ने भी सुनी हुई बातों को लेकर मृत्यु पूर्व आत्महत्या नोट लिखा है। किसने उन्हें बताया कि याची वीडियो वायरल कर उन्हें बदनाम कर देगा? आद्या प्रसाद की महंत से काफी कहासुनी हुई थी। सीबीआइ आरोपों की पुष्टि के लिए सबूत जुटाने में नाकामयाब रही है। जिस आडियो के आधार पर सीबीआइ ने याची पर आरोप लगाया है, उसे याची ने रवीन्द्र गिरि को शिकायत के लहजे में भेजा था। बातचीत से साफ है कि महंत, याची को दुराचार केस में फंसाने की सोच रहे हैं। चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि महंत की खुदकुशी से याची को कोई लाभ नहीं है, क्योंकि महंत ने उसे निकाल दिया था।

क्या छिपाना चाहते थे महंत

बचाव पक्ष से कहा गया कि श्री मठ बाघंबरी गद्दी में 16 सीसीटीवी कैमरे लगे थे। महंत ने एक हफ्ते पहले डाटा खत्म करा दिया था, वह क्या छिपाना चाहते थे? फार्मेट से डिलीट डाटा, क्लाउड में रहता है, सीबीआइ ने इसे देखने की जरूरत क्यों नहीं समझी? शिकायतकर्ता के वकील नीरज तिवारी ने जमानत पर रिहा करने का समर्थन किया। कहा, उन्होंने केवल पुलिस को सूचना दी थी, शिकायत नहीं की। शासकीय अधिवक्ता ने पर्याप्त सबूत होने का दावा किया। कहा, दर्ज बयानों व सुसाइड नोट से खुदकुशी के लिए मजबूर करने के साक्ष्य हैं। विचारण अदालत, आरोप निर्मित करने की सुनवाई कर रही है और 19सितंबर को अगली तारीख है। सीबीआइ अधिव1ता अनुराग कुमार सिंह ने कहा कि दो लोगों की बातचीत का आडियो संदीप तिवारी के कहने पर पुरुषोत्तम मिश्र ने रिकॉर्ड किया। इसे हरिद्वार में महंत रवीन्द्र पुरी को याची ने भेजा, जो महंत तक पहुंचा। इससे वह तनाव में आ गए। लिखा 'जब तक सच्चाई पता चलेगी मैं बदनाम हो चुका होऊंगा, इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं.Ó खुदकुशी नोट की लिखावट महंत की लिखावट से मैच करती है। चरित्र हनन की कोशिश की गई। आडियो से महंत को खुदकुशी के लिए उकसाया गया। संदीप तिवारी याची की गंगा पर बनी संस्था से जुड़ा है।

यह है मामला

महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 की शाम मठ के एक कमरे में नालयान की रस्सी से बनाए गए फंदे से लटके हुए मृत मिले थे। सेवादार अमर गिरि व पवन ने जार्जटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आनंद गिरि, आद्या तिवारी तथा उसके बेटे संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपित बताया था।