- टैक्सी व ई-रिक्शा चालकों ने परीक्षार्थियों से लिया दोगुना किराया
- बसों की संख्या कम होने से उसमें चढ़ने के लिए गेट पर धक्का- मुक्की करते रहे
PRAYAGRAJ: प्रारम्भिक योग्यता परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों की किराए के नाम पर खूब जेब काटी गई। टैक्सी व ई-रिक्शा चालकों द्वारा चार से पांच किलो मीटर की दूरी भी नहीं और किराया 50 से 60 रुपये वसूला गया। यानी अभ्यर्थियों को प्रति किलो मीटर दस रुपये से भी ज्यादा किराया देना पड़ा। बाहर से आने वाले यह परीक्षार्थियों को मजबूरी में चालकों द्वारा मुंह मांगा किराया देना पड़ा। परीक्षा बाद बस न मिलने के कारण परीक्षार्थी सिविल लाइंस रोडवेज बस स्टैंड पर और भी अधिक परेशान रहे। परीक्षा के मद्देनजर एक्स्ट्रा बसों के संचालन के दावे को परीक्षार्थियों की परेशानी खोखली साबित कर रही थी।
बस स्टैंड पर बस के लिए रहे परेशान
सिविल लाइंस रोडवेज बस स्टैंड पर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी घर जाने के लिए बस के इंतजार में थे। किसी को गाजीपुर, मीरजापुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ जाना था। तो तमाम वाराणसी, फतेहपुर और कानपुर की बस के लिए भटकते हुए नजर आए। यह हकीकत बुधवार को परीक्षा बाद दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट द्वारा किए गए रियलिटी चेक में सामने आई। बस के शीशे पर गाजीपुर लिखा देख भरभराकर ठसाठस छात्र बैठ गए। थोड़ी देर बाद कंडक्टर उन्हें बताया कि बस गाजीपुर नहीं बल्कि मीरजापुर जाएगी। इस तरह की समस्याओं का सामना ज्यादातर अभ्यर्थियों को करना पड़ा। गंतव्य के लिए बस के आते ही उसमें चढ़ने के लिए उन्हें धक्कामुक्की करते हुए भी देखा गया। तमाम अभ्यर्थी बस स्टैंड परिसर में बस पकड़ने के लिए इधर उधर भटकते रहे।
ठेले वाले बढ़ा दिए खाने का रेट
सिविल लाइंस बस स्टैंड के आसपास ठेला गाड़ी पर खाना बेचने वाले लोग भी अभ्यर्थियों को लूटने से बाज नहीं आए। अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रति प्लेट पूड़ी सब्जी एवं अचार उन्हें ठेले पर 40 से 50 रुपये में मिला। एक प्लेट में कोई पांच तो कोई छह पूड़ी दिया। चावल लेने पर उसका पैसा अलग से देना पड़ा। जबकि आम दिनों में यहां ठेले पर प्रति प्लेट पूड़ी 30 रुपये में मिला करती है। गनीमत यह रहा कि बोतल बंद पानी का रेट दुकानदारों द्वारा नहीं बढ़ाया गया।
समस्या एक हो तो बताएं। यहां घर जाने के लिए बस नहीं मिल रही। काफी देर से इंतजार कर रहे। ई-रिक्शा से सेंटर आर्य कन्या इंटर कॉलेज तक जाने के लिए सिविल लाइंस से 50 रुपये किराया देना पड़ा। ठीक से तीन किलोमीटर भी दूरी नहीं थी।
मनीष कनौजिया, प्रतापगढ़
मेरा सेंटर गुरु माधव प्रसाद शुक्ल इंटर कॉलेज में था। सुबह सेंटर तक जाने के लिए टैक्सी वाला 60 रुपये मांग रहा था। बहुत कहने- सुनने पर 55 रुपये में तैयार हुआ। हम चार लोग साथ थे सभी 55-55 रुपये देकर सेंटर पर पहुंचे। लौटते समय 60 से कम लेने को कोई तैयार ही नहीं था। मजबूरी में वहां यह किराया देकर बस स्टैंड पहुंचे।
समर सिंह, प्रतापगढ़
प्रथम पाली में परीक्षा समाप्त होने के बाद करीब साढ़े बारह एक बजे बस स्टैंड पर आ गए थे। दो बज रहे हैं। पूछताछ काउंटर पर जानकारी करने पहुंचे तो वह भी सीधे मुंह कुछ बताने को तैयार नहीं। अब देख रहे हैं, जब बस मिलेगी तो जाएंगे।
आकाश प्रजापति, चुनार
भाई परेशानी मत पूछिए। टैक्सी व ई-रिक्शा वाले तो किराया के नाम पर अधिक पैसे ले रहे। परीक्षा केंद्र झलवा माडर्न इंटर कॉलेज गए थे। 60 रुपये देने पड़े। अब लौट कर आए हैं तो यहां बस नहीं मिल रही। लोकल सवारी ज्यादा किराया लें चलिए कोई बात नहीं, पर बस तो समय से जानी चाहिए।
प्रदुम्न कुमार, चुनार
अब भीड़ है तो समस्याएं तो थोड़ी बहुत होंगी ही। पानी छोड़ यहां सब कुछ महंगा ही तो मिल रहा। हमें मीरजापुर जाना है। करीब डेढ़ घंटे से बस का इंतजार कर रहे हैं। एक बस के शीशे पर मीरजापुर लिखा देख बैठ लिए तो बताया गया यह फतेहपुर जाएगी। अब केवल बस मिल जाय किसी तरह बैठ लें तो सारी समस्या समझिए समाप्त हो गई।
अभय कुमार, मीरजापुर