प्रयागराज ब्यूरो । इस सीजन में एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायलाजी लैब में अब डेंगू के अलावा चिकन गुनिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टो स्पाइरोसिस की जांच भी उपलब्ध है। जिसका फायदा निश्चित तौर पर मरीजों को मिलने जा रहा है। इन चारों बीमारियों के लक्षण एक जैसे होने पर मरीज भ्रमित होते थे और उचित इलाज नहीं मिलने से उनको परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब मरीज इन चारों बीमारियों की जांच कराकर अपनी शंका का समाधान कर सकते हैं।

क्यों जरूरी है चारों की जांच

पिछले साल की तरह इस बार भी इन चारों बीमारियों की जांच जरूरी है। क्योंकि चारों के लक्षण एक जैसे होते हैं। पिछले साल डेंगू के साथ चिकन गुनिया और स्क्रब टाइफस के सैकड़ों मरीज सामने आए थे। कई मरीजों की जांच में डेंगू निगेटिव और चिकन गुनिया पाजिटिव आया था। डॉक्टर्स का कहना है कि इन बीमारियों की समय पर जांच नही होने से मरीज की जान को खतरा हो सकता है। हालांकि मेडिकल कॉलेज की लैब में जांच शुरू होने के बावजूद अभी तक एक भी चिकनगुनिया का मरीज नही मिला है।

- डेंगू और चिकन गुनिया एडीज मच्छर के काटने से फैलता है लेकिन दोनों बीमारियों मरीज को तेज बुखार आता है।

- इसी तरह से स्क्रब टाइफस चूहे के पिस्सू के काटने और लेप्टो स्पाइरोसिस चूहे या किसी जानवर के मल के संक्रमण से फैलता है। इन दोनों बीमारियों में भी मरीज को तेज बुखार आता है।

- चिकनगुनिया में मरीज को अधिक शरीर दर्द और लंबे समय तक हो सकता है।

- चारों बीमारियों की जांच अलग अलग प्रकार से होती हैं और यह मेडिकल कॉलेज लैब में उपलब्ध है। डेंगू की तरह चिकन गुनिया की भी एलाइजा जांच की जा रही है।

शहर में लगने जा रहा डेंगू का शतक

इस साल डेंगू के मरीज गांव के मुकाबले शहर में तीन गुनी संख्या में मिल रहे हैं। मंगलवार तक जिले में कुल 132 डेंगू के मरीज सामने आए, जिसमें से अकेले शहर में 99 मरीज मिले हैं। ग्रामीण एरिया में इनकी संख्या महज 33 ही है। एसआरएन अस्पताल कैंपस में डेंगू का तीसरा मरीज मिला है जो चिंता की बात है। अस्पताल में कुल चार मरीज ही भर्ती हैं। मंगलवार को कुल दो मरीज मिले हैं जिसमें से एक महिला और एक पुरुष है।

मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायलाजी लैब में डेंगू के साथ ही चिकन गुनिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टो स्पाइरोसिस की जांच भी की जा रही है। इससे मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। सही जांच रिपोर्ट आने पर उनका इलाज उचित दिशा में किया जा सकेगा।

आनंद कुमार सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज