प्रयागराज ब्यूरो । इस सीजन में फीवर आने पर बिना डॉक्टरी सलाह एंटी बायटिक का सेवन कतई न करें। वरना प्लेटलेट्स का लेवल कम हो सकता है। ऐसे कई मामले सामने आने से डॉक्टर्स मरीजों को एलर्ट कर रहे हैं। बता दें कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और लेप्टो स्पाइरोसिस जैसी संक्रामक बीमारियों में एंटी बायटिक का सेवन खतरनाक हो सकता है।
अचानक से गिरने लगता है लेवल
डेंगू वायरस की वजह से मरीज के खून में प्लेटलेट्स अपने आप घटने लगती है। लेकिन, गंभीर स्थिति तब बनती है जब मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए मेडिकल स्टोर से एंटी बायटिक लेकर उसका सेवन करने लगता है। ऐसे में उसका प्लेटलेट लेवल एकदम कम हो जाता है और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। ऐसे मरीजों को फिर ब्लड बैंक से लेकर प्लेटलेट चढ़ानी पड़ती है।
20 हजार से अधिक है तो चिंता नही
एक्सपट्र्स का कहना है कि अगर मरीज की प्लेटलेट लेवल 20 हजार से अध्कि है तो चिंता की बात नही है। उसे अलग से प्लेटलेट्स चढ़वाने की जरूरत नही है। दिक्कत तब होती है जब प्लेटलेट काउंट 20 हजार से कम हो जाए और मरीज को ब्लीडिंग हो रही हो। ऐसी स्थिति में उसे डॉक्टर की सलाह पर अलग से प्लेटलेट चढ़ानी पड़ सकती है।
रविवार को मिले 11 नए मरीज
रविवार को डेंगू के 11 नए मरीज सामने आए हैं। इनमें चार फीमेल और सात मेल मरीज हैं। मरीज नैनी, छोटा बघाड़ा, फाफामऊ, राजापुर, अल्लापुर, धूमनगंज, दारागंज, एसआरएन कैंपस और मेजा में मिले हैं। अब तक जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 178 हो गई है और इसमें से 140 मरीज शहरी एरिया के हैं। घर पर 16 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
बिना डोनर नही मिलती प्लेटलेट
उधर प्लेटलेट की बढ़ती मांग को देखते हुए ब्लड बैंकों ने डोनर की मांग शुरू कर दी है। अभी तक बिना डोनर प्लेटलेट दी जा रही थी लेकिन अब एक ब्लड डोनर पर चार और फिर तीन यूनिट दी जा रही है। इसका प्रोसेसिंग चार्ज भी लिया जा रहा है। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के ब्लड बैंक मे रोजाना दो सौ यूनिट प्लेटलेट की डिमांड होती है और इसके बदले में 125 यूनिट उपलब्ध कराया जा रहा है। यही हाल बाकी ब्लड बैंको का भी है।
डेंगू के संक्रमण में एंटी बायटिक खाने से परेशान हो सकती है। इससे प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है। यह बात मरीजों को बताई जाती है। कई बार वह बिना डॉक्टर की सलाह के एंटी बायटिक का सेवन करते हैं।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन
प्लेटलेट चढ़ाने से पहले यह देख लेना चाहिए कि बॉडी में उसका काउंट क्या है। एंटी बायटिक का सेवन भी डॉक्टर को दिखाने के बाद किया जाना चाहिए। मेडिकल कॉलेज में डेंगू, चिकन गुनिया, लेप्टो स्पाइरोसिस और मलेरिया की एलाइजा जांच उपलब्ध है।
आनंद कुमार सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज