प्रयागराज (ब्‍यूरो)। गनीमत थी कि एक बालिका टिकट पर दिए गए ट्रैवल संचालक के मोबाइल पर बात की थी। बस यही वह क्लू था जिसके जरिए जार्जटाउन एसओ तीनों को गैंग तक पहुंचने से पहले बचा लिए। वर्ना यदि बालिकाएं गैंग तक पहुंच जातीं तो इनकी दशा व दिशा क्या होती अनुमान लगाना मुश्किल है। माना जा रहा है कि गैंग की शातिर महिला या तो तीनों को बेच देती या भीख मंगवाती। क्योंकि बगैर स्वार्थ कोई अनजान महिला किसी किसी के लिए सात हजार खर्च करके टिकट यूं ही नहीं बुक करा देगा।

एसओ ने बचा ली लाइफ
सोहबतियाबाग की रहने वाली दो बालिकाएं हाईस्कूल में एक साथ पढ़ती हैं। अल्लापुर की एक छात्रा उन्हीं के स्कूल में कक्षा नौ की छात्रा है। तीनों के माता पिता उन्हें एंड्रायड मोबाइल दिला रखे हैं। एक ही कक्षा और स्कूल में होने के नाते तीनों में गहरी दोस्ती थी। रविवार को जार्जटाउन इंस्पेक्टर के पास कक्षा नौ में पढऩे वाली बालिका के पिता शिकायत लेकर पहुंचे। बताए कि उनकी बेटी बगैर कुछ बताए कहीं चली गई है। एसओ उसकी शिकायत सुन ही रहे थे कि सोहबतियाबाग की दोनों बालिकाओं के परिजन भी पहुंचे और बेटियों के गायब होने की खबर दिए। थाने पर मालूम चला कि तीनों बालिकाओं के परिजन एक दूसरे से पूर्व परिचित हैं।
रास्ते में रोकवाकर उतरवाया
बस यहीं से जार्जटाउन एसओ का दिमाग एक्टिव हो गया। तीनों के मोबाइल नंबर को लेकर वह फौरन सीडीआर निकालने के लिए भेज दिए। सीडीआर आई तो मालूम चला कि एक बालिका ट्रेवल एजेंसी के संचालक विजय दुबे से बात की थी। वह फौरन विजय दुबे के पास पहुंचे और पूछताछ शुरू कर दिए। वह पहले तो घुमाता रहा। जब पुलिस अपने पर आई तो वह भी एक्टिव हुआ। विजय सक्रिय हुआ तो पता चला कि तीनों सूरत के लिए बस से रवाना हुई हैं। जिस बस में है वह उस समय मध्य प्रदेश के धार जिला पहुंची थी। बस कंडक्टर से बात कर एसओ ने किसी थाने पर जाकर बात कराने की हिदायत दिए। कंडक्टर नौगांव थाने पहुंचा और जार्जटाउन प्रभारी से बात कराया। पूरा मामला सुनने के बाद नौगांव पुलिस ने तीनों बालिकाओं को थाने पर बैठा लिया। सोमवार को टीम तीनों को लेकर जार्जटाउन पहुंची तो यहां पूछताछ की गई। तीनों ने बताया कि इंस्टाग्राम पर एक महिला से उनकी दोस्ती हुई थी। वह बस का टिकट बुक करके सूरत घूमने के लिए बुलाई थी। घर में बगैर बताए इसलिए गईं क्योंकि तीनों को पता था कि परिवार के लोग उन्हें जाने नहीं देंगे। पुलिस को शक है कि इंस्टाग्राम पर दोस्ती करने वाली शातिर महिला किसी गैंग से ताल्लुक रखती है। इसीलिए खुद सात हजार रुपये लगाकर बालिकाओं के लिए बस का टिकट बुक करवा दी थी। माना जा रहा है कि यदि बालिकाएं उस महिला तक पहुंच गई होतीं तो इनका वह कुछ भी कर सकती थी।

बालिकाओं को नौगांव थाने से टीम लेकर आ गई है। पूछताछ में जो बातें तीनों ने बताईं उससे यह साफ है कि वह किसी गैंग के बुने जाल में फंस गई थीं। बालिकाओं से दोस्ती करने वाली महिला गैंग की ही रही होगी। बुलाने के बाद वह इन बालिकाओं के साथ कुछ कर सकती थी। समय से परिजनों ने बाताया और तीनों को गैंग रास्ते में ही रोकने में सफलता मिल गई।
बृजेश सिंह, थाना प्रभारी जार्जटाउन