प्रयागराज (ब्यूरो)। अपराध की दुनिया में माफिया अतीक अहमद का नाम भला कौन नहीं जानता। आईएस 227 गैंग के सरगना अतीक अहमद के अपराध और आतंक की हकीकत से करीब सभी रूबरू हैं। गैंग में अपराधियों की संख्या बढ़ती और अतीक का रुतबा और गढ़ उठता गया। पहलवान से माफिया बन चुके अतीक अहमद के पास दौलत और सम्पत्ति की गठरी पर बैठ गए। बाहुबल के बूते दौलत आई तो उन्होंने सियासत में किस्मत आजमाना शुरू किया और सक्सेस भी रहे। मगर, अपनी नई पीढ़ी को अपराध की दुनिया से निकालने में कामया नहीं हुए। परिणाम यह रहा कि आज उनका बेटा उमर दो लाख रुपये का इनामी हो चुका है। पुलिस से लेकर सीबीआई तक को उसकी तलाश है। दूसरा बेटा अली अहमद भी अपराध की कोठरी में जाने से नहीं बच सका। प्रॉपर्टी डीलर से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में भागकर थक गया तो उसे कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा।

दिलीप व विजय के बेटों पर भी है मुकदमा

पुलिस रेकार्ड में माफिया दिलीप मिश्रा का बेटा शुभम मिश्रा भी हिस्ट्रीशीटर है। शुभम के खिलाफ औद्योगिक थाने में मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

औद्योगिक पुलिस के मुताबिक दिलीप मिश्रा के बेटे शुभ करीब तीन मुकदमें हैं।

मतलब यह कि माफिया दिलीप मिश्रा भी अपनी नई पढ़ी के इस बेटे के दामन को अपराध के दाग से नहीं बचा सका।

भदोही थाने में विधायक माफिया विजय मिश्र के भी बेटे पर मुकदमा है। हालांकि लोकल पुलिस उसके इस बेटे का नाम नहीं बता सकी।

नवाबगंज पुलिस की मानें तो गौ-तस्कर मो। मुजफ्फर के भाई असलम का बेटा जैद चाचा के नक्शे कदम पर चला।

गौ-वध अधिनियम के तहत जैद के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा गया था।