एमपीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव की अदालत में हुई सुनवाई
PRAYAGRAJ: बरेली जेल में गुनाहों की सजा काट रहे माफिया अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर एक और आरोप साबित हुआ। मामले की सुनवाई बुधवार को एमपीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव की अदालत में हुई। प्रकरण उनकी पिस्टल से सम्बंधित है।
कराई गई वीडियो कांफ्रेंसिंग
धूमनगंज पुलिस द्वारा अशरफ की पिस्टल को कैंसिल किए जाने की बाबत लिखा पढ़ी की गई थी। पुलिस की सिफारिश पर उसकी पिस्टल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। कोर्ट को सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने बताया कि लाइसेंस निरस्त होने के बाद पिस्टल को जमा करने के निर्देश अफसरों द्वारा दिए गए थे। बावजूद इसके पिस्टल को जमा करने के बाद वह उसके जरिए कई घटनाओं में प्रयोग किया गया। इस बात के साक्ष्य व सुबूत भी उनके जरिए कोर्ट में पेश किए गए। जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोप साबित पाया। कोर्ट ने पाया कि शस्त्र लाइसेंस नंबर 974 थाना धूमनगंज पिस्टल नंबर 127740एडीएम नगर तत्कालीन प्रशांत शर्मा द्वारा 2007 में निलंबित करने के बाद उसे नियमानुसार जमा करने के निर्देश दिए गए थे। मगर उस पिस्टल को उनके द्वारा जमा नहीं किया गया। बरेली जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा अशरफ को भी कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश कर साबित आरोप को सुनाया गया। इस बीच अशरफ ने आरोप इंकार करते विचारण की याचना कोर्ट से किया।
मामले में कोर्ट द्वारा सुनवाई की गई। साक्ष्य व सुबूत एवं पुलिस की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश किए गए। जिसके आधार पर लाइसेंस निलंबित होने के बाद भी पिस्टल न जमा करने का व प्रयोग करने का आरोप अशरफ पर साबित हुआ।
राजेश कुमार गुप्ता, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी