प्रयागराज (ब्यूरो)। सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ प्रयागराज को संवारने का सपना देख रहे हैं। मगर मशीनरी यहां उनके इस ख्वाब को तोडऩे में जुटी हुई है। लोग सुबह शाम जिम करके सेहतमंद रहें। इसके लिए स्मार्ट सिटी के तहत शहर में जगह-जगह करोड़ों की लागत से ओपन जिम बनाए गए। राजापुर अम्बेडकर पार्क में भी जिम के तय सारे उपकरण लगाए गए। इन सामानों को यहां सेट करते समय जिम्मेदारों की आंख में पट्टी बंधी हुई थी। उन्हें शायद पार्क में हुए कब्जे और फेके जाने वाले कूड़े नजर नहीं आए। इसलिए ओपन जिम का सामान खरीदकर इस पार्क में गाड़ दिए गए। जिम के सामान लगाने का काम नगर निगम के स्मार्ट सिटी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने किया। विभागीय लोग कहते हैं कि इसकी सुरक्षा और रखरखाव का काम भी इसी डिपार्टमेंट के पास है। मगर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को इस पार्क में हुए कब्जे और ओपन जिम के स्थान पर फेका जा रहा कूड़ा दिखाई नहीं दे रहा। विभाग की इस उपेक्षा को लेकर वार्ड की पार्षद भी आहत नजर आई हैं। उन्होंने कहा कि इस पार्क से कब्जा हटवाने व ओपन जिम के पास सफाई आदि के लिए लेटर नगर निगम को पैड पर लिखे गए हैं। बावजूद इसके काई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कार्रवाई के लिए शिकायत की दरकार
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पब्लिक के साथ सोमवार को नगर निगम के कुछ जिम्मेदारों से भी बात की। जवाब मिला कि पार्क इस कंडीशन के बारे में उन्हें कोई खबर नहीं है। यदि ऐसा है कि तो पब्लिक या पार्षद शिकायत करें वह कार्रवाई के लिए सम्बंधित को लिख देंगे। अपर नगर आयुक्त मुशीर अहमद से हुई बातचीत में भी कुछ इसी तरह के जवाब सामने आए। जबकि कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि अतिक्रमण के प्रभारी मुशीर अहमद ही हैं। पार्षद द्वारा कार्रवाई के लिए लिखे गए लेटर के जवाब में उन्होंने कहा कि हमें कोई लेटर या शिकायत नहीं मिली है। बोले कि ओपन जिम आदि का काम स्मार्ट सिटी का इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ही देखता है। यदि ऐसा है तो इस डिपार्टमेंट को राजापुर अम्बेडकर पार्क में बने ओपन जिम की कंडीशन दिखाई क्यों नहीं देती? ओपन जिम के जगह-जगह सामान लगाकर उन्हें बर्बाद होने के लिए छोड़ क्यों दिया गया है।
पब्लिक कोट
अम्बेडकर पार्क आज का अपना एक इतिहास है। बुजुर्ग बताते थे कि एक समय इस पार्क में बने अखाड़े का नाम चर्चित था। दंगल के वक्त तो तमाम नामचीन पहचान आया करते थे। आप ओपन जिम के पास कूड़े की बात करते हैं। यहां पार्क ही नहीं बचा है। नगर निगम के कागज में होगा सो लाकर ओपन जिम का सामान लगा गए। सरकार पैसा है तो कहीं भी बर्बाद करें अफसरों का क्या जाता है।
सिद्धार्थ कुमार, वार्ड-2 राजापुर
नगर निगम जगह-जगह अतिक्रमण हटा रहा है। मगर इस अम्बेडकर पार्क की स्थिति जिम्मेदारों को नहीं दिखाई दे रही है। कुछ लोग इस पूरे पार्क पर कब्जा कर रहे हैं। पुराना अखाड़ा तो गायब ही हो गया है। कूड़े का ढेर बन चुके इस पार्क में ओपन जिम के सामान लगा जरूर दिए गए हैं। मगर, गंदगी के कारण वहां कोई जाता नहीं। कुछ बच्चे हैं आसपास के जो इस कूड़े के ढेर में बने ओपन जिम में खेलने चले जाते हैं।
प्रमोद शरन, वार्ड-2 राजापुर
पार्क से कब्जा हटवा कर यदि साफ सफाई कराकर कुछ पेड़ पौधे लगा दिए जाय तो स्थानीय लोगों के लिए बड़ी सहूलियत हो जाएगी। क्योंकि यहां ओपन जिम के सामान लगे ही हैं। बुजुर्ग भी यहां सुबह शाम वक्त बिता कर कसरत कर सकते हैं। मगर नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अधिकारियों के ध्यान न देने की वजह से ही इस पार्क की यह दुर्गति बनी हुई हुई है। ऐसा नहीं है कि अफसरों को यह सब मालूम न हो। वह क्यों शांत बैठे हैं यह समझ नहीं आ रहा।
अखिलेश कुमार, वार्ड-2 राजापुर
कुछ महीने पहले पार्क को लेकर लोगों के कहने पर पार्षद द्वारा नगर निगम को लेटर लिखा गया था। हमें अच्छी तरह याद है कि उनके जरिए भेजे गए लेटर में पार्क की पूरी स्थिति लिखी गई थी। यह भी कहा गया था कि यहां इसका सौंदर्यीकरण करवाया जाय और कब्जा हटवाया जाय। अब पार्षद के लेटर लिखने के बाद भी जब अधिकारी नहीं सुन रहे तो आम पब्लिक की शिकायत पर वे क्या करेंगे।
सीमा सोनकर, वार्ड-2 राजापुर
कब्जे का शिकार इस अम्बेडकर पार्क में ओपन जिम लगाते समय भी स्थिति को जिम्मेदार देखे होंगे। उसी वक्त उन्हें इस पार्क को खाली करवाने का काम करना चाहिए था। मगर वह सामान लगाकर चले गए। जिसका लाभ पब्लिक को नहीं मिल रहा है। यदि यही पार्क में साफ सफाई और कब्जा न होता तो ओपन जिम और पार्क पब्लिक के लिए काफी मुफीद साबित होता। पार्षद द्वारा इसके लिए नगर निगम को लेटर लिखा गया था। उस पर क्या हुआ यह कहना मुश्किल है।
जितेंद्र कुमार उर्फ शेरू, वार्ड-2 राजापुर
पार्क के सुंदरीकरण के लिए नगर निगम को एक नहीं दो से तीन बार लेटर लिखा जा चुका है। दिए गए लेटर पर आज तक नगर निगम द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। सदन की बैठक में भी बराबर मेरे द्वारा इस पर समस्या रखी जाती है। अधिकारी हैं कि ध्यान ही नहीं दे रहे।
निक्की कुमारी, पार्षद वार्ड-2 राजापुर