चेक करें कौन सा साफ्टवेयर या एप आपके इस्तेमाल का है, आनलाइन डिटेल शेयरिंग से बचें
जम्मू में पोस्टेड फौजी का एकाउंट एनी डेस्क यूज करके भांजे ने कर दिया खाली
एंड्रायड मोबाइल या कोई भी पीसी यूज कर रहे हैं तो बेहद सावधान रहें। छोटी सी लापरवाही आपको लम्बा चूना लगा सकती है। महीनो परेशान रहने पर मजबूर कर सकती है। इसका एक और बड़ा उदाहरण बुधवार को प्रयागराज में सामने आया। जन्मू-कश्मीर में सेना में सूबेदार के पद पर तैनात फौजी को उसके भतीजे ने ही चूना लगा दिया और उनको हवा तक नहीं लगी। भांभा अपने मामा का मोबाइल दूसरे लोकेशन पर बैठकर यूज करता रहा। पेमेंट बैंक के जरिए पैसे ट्रांसफर करता रहा, यहां तक कि मामा के मोबाइल पर आने वाले मैसेजेज को डिलीट करता रहा और हाथ में मोबाइल होने के बाद भी मामा कुछ कर नहीं सके। उनके पैरों तले से जमीन खिसक गयी जब पता चला कि इस करतूत को अंजाम देने वाला उनका भांजा ही है। इस प्रकरण मे जो कहानी निकलकर सामने आयी, वह बेहद चौंकाने वाली है। मोबाइल के साथ सिस्टम यूज करने वालों को एलर्ट करने वाली है। बताने वाली है कि कौन सा एप या साफ्टवेयर आपके यूज का है और कौन सा नहीं।
कश्मीर में पोस्टेड हैं सूबेदार
घटना का शिकार बने गोपाल जी सिंह धूमनगंज थाना क्षेत्र के भोला का पूरवा के रहने वाले हैं। उनकी पोस्टिंग कश्मीर में सेना में सूबेदार मेजर के पद पर थी। ड्यूटी के वक्त किस्त में उनके खाते से धीरे-धीरे करके कुल छह लाख 14 हजार 326 रुपये निकल गए। बड़ी बात यह रही कि उन्हें इस बात की खबर तक नहीं थी। उनके खाते से अंतिम ट्रांजैक्शन 20 नवंबर 2020 को हुआ था। इसकी भनक गोपाल जी को तब लगी जब वह बैंक में अपना पासबुक अपडेट कराने के लिए पहुंचे। गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये गायब होने से उनके पैरों तले से जमीन खिसक गयी। घर आए तो उन्होंने मामले की शिकायत आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह से की। आईजी द्वारा जांच साइबर क्राइम थाने की टीम को सौंप दी गई। करीब दो महीने तक चली जांच के बाद साइबर क्राइम की टीम एक युवक को उठाया। पूछताछ में पता चला कि रुपये निकालने वाला कोई नहीं बल्कि गोपाल जी का सगा भांजा अनुज सिंह है। उसके पिता का नाम शिवाजी सिंह है। वह सहेरी जखनिया गाजीपुर का रहने वाला है। उसने हरियाणा के सी-1 2066 पार्क ड्राइव डीआईएफ फेस-5 गुड़गांव में पढ़ाई के वक्त वहीं के पते से आधार बनवाया था। सीओ सिविल लाइंस अजीत सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस द्वारा उसके सारे बैंक अकाउंट सीज करा दिए गए हैं।
कैसे खेला रुपये ट्रांसफर का खेल
आरोपित अनुज कम्प्यूटर टीचर है। वह धूमनगंज स्थित एक कोचिंग में पढ़ाता भी है।
उसे यह पता था कि कौन सा साफ्टवेयर कैसे इंस्टाल किया जा सकता है और उसके लिए क्या डिटेल रिक्वॉयर होती है
इसके चलते उसने स्टेट बाई स्टेप चलकर काम किया ताकि किसी को हो रहे फ्रॉड की हवा तक न लगे
उसने अपने मामा के एकाउंट की पूरी डिटेल जुटायी।
यह पता लगाया कि मामा बैंकिंग के लिए किस मोबाइल नंबर को यूज करते हैं।
इतना डिटेल जुटाने के बाद उसने चुपके से मामा का मोबाइल अपने कब्जे में लिया और उस पर एनी डेस्क इंस्टॉल कर लिया
इसके बाद उसने अपने मोबाइल पर एयरटेल पेमेंट बैंक एप इंस्टाल किया और डिटेल मामा के एकाउंट की फिल कर दी
एनी डेस्क के थू्र वह मामा गोपालजी के सिस्टम से कनेक्ट था। इसके चलते वेरीफिकेशन के लिए आने वाला हर मैसेज उसे पता चलता रहा।
वेरीफिकेशन वाले मैसेजेज को यूज करने के बाद वह डिलीट कर देता था
मोबाइल हाथ में लेकर घूमने वाले गोपालजी को भनक भी नहीं लगी कि उनके साथ क्या हो रहा है
मोबाइल लेकर गोपालजी जम्मू कश्मीर में ड्यूटी कर रहे थे और शातिर इस एप के जरिए उनके मोबाइल को आपरेट करता रहा
ड्यूटी और एप के बारे में पूरी जानकारी न रखने के चलते गोपाल जी धोखा खाते चले गए।
आरोपित अपने मोबाइल पर लोड किए गए एयरटेल पेमेंट बैंक में मामा के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर करता रहा
मामा के खाते का पैसा उसने पहले अपने यूनियन बैंक व पीएनबी के खाते में ट्रांसफर करता रहा
पैसा ट्रांसफर होने के बाद उसने एटीएम जाकर धीरे-धीरे कैश विदड्रा कर लिया और उसे आईडीबीआई बैंक में खोले गए तीसरे खाते में जमा कर देता था
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इस तरह शातिर तक पहुंची टीम
जांच में जुटी साइबर क्राइम की टीम को पता चला कि पूरा पैसा एयरटेल पेमेंट बैंक के जरिए खाते में ट्रांसफर किया गया है।
जिले में एयरटेल पेमेंट बैंक का कोई नोडल अफसर नहीं बैठता और न ही यहां उसकी कोई ऑफिस है
इसके चलते इतनी जानकारी होने के बाद पुलिस टीम अटक गई।
पड़ताल में पता चला कि दिल्ली में इसकी ऑफिस है
आईजी रेज की परमीशन पर एक टीम दिल्ली पहुंची और एकाउंट का डिटेल लिया
पैसा ट्रांसफर किये जाने वाले बैंक का एकाउंट डिटेल मिल गया तो उसकी केवाई के जरिए पुलिस को शातिर का पता मिल गया
इसके बाद साइबर सेल के सदस्यों ने जाल बिछाया और शातिर अनुज को गिरफ्तार कर लिया
इस टीम ने किया खुलासा
सीओ सिविल लाइंस ने कहा कि पूरे केस के खुलासे में प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम राजीव कुमार तिवारी, उप निरीक्षक अनुज कुमार तिवारी, कांस्टेबल, सत्येश राय, सुप्रभात राय, हेड कांस्टेबल, हिम्मत सिंह, अतुल त्रिवेदी, आशीष यादव व मुस्लिम खां का रोल अहम रहा।
ये सामान हुए बरामद
आरोपित अनुज सिंह के पास से दो जीओ, एक एयरटेल व एक वोडाफोन का सिम कार्ड, एक स्मार्ट फोन, पीएनबी, यूबीआई, एसबीआई के तीन एटीएम, एक ब्लैंक चेक एसबीआई का व छह रसीदी बिल बरामद किया गया है।
बेहद शातिराना अंदाज में फ्रॉड किया गया था। टीम ने इस प्रकरण को खोलने में काफी मेहनत की है। आरोपित के सभी बैंक एकाउंट सीज करा दिये गये हैं। उसे जेल भेजा जा रहा है।
अजीत सिंह राठौर
सीओ सिविल लाइंस