मीरजापुर के जंगल में तलाश जारी, फिरौती न मिलने पर की गई थी हत्या
दो आरोपितों को साथ लेकर पुलिस ने जंगल में चलाया सर्च आपरेशन
सरायइनायत थाना क्षेत्र के अंदावा जैन मंदिर के पास रहने वाले टेंपो चालक मूलचंद्र ¨बद के 12 वर्षीय बेटे अंकित का शव 42 घंटे बाद भी बरामद नहीं हो पाया है। 26 अगस्त की सुबह चार बजे से उसके शव की तलाश में मीरजापुर के ड्रमंडगंज पहाड़ी के जंगल की खाक छान रही पुलिस को दूसरे दिन रात दस बजे तक सफलता नहीं मिली। पुलिस का कहना है कि आरोपितों ने किशोर का शव कहां फेंका है, वह भूल गए हैं। हालांकि, पूरी उम्मीद है कि शनिवार को सफलता मिल जाए।
जैन मंदिर के पास से 19 को गायब हुआ
अंदावा जैन मंदिर के पास रहने वाले मूलचंद्र ¨बद का बेटा अंकित 19 अगस्त की दोपहर कुछ सामान लेने के लिए घर से थोड़ी दूर पर गया और फिर वापस नहीं लौटा था। 21 अगस्त को सरायइनायत थाने में उसके पिता ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बुधवार दोपहर मूलचंद्र के मोबाइल पर फोन कर 70 लाख की फिरौती मांगी गई। उसने इतने रुपये न होने की बात कही तो अपहरणकर्ताओं ने कहा कि अभी 70 लाख रुपये में जमीन बेची है, वहीं रुपये चाहिए। उसने फिर इतने रुपये न होने की बात कही तो 30 लाख रुपये पहुंचाने को कहा गया। धमकी दी गई कि रुपये न मिलने पर बेटे की हत्या कर दी जाएगी। उसे रुपये लेकर नारीबारी के पास चाकघाट बुलाया गया। मूलचंद्र ने पुलिस को जानकारी दी तो मोबाइल नंबर ट्रेस करते हुए देर रात पांच युवकों को पकड़ा गया। इसमें तीन बारा और दो कोरांव क्षेत्र के रहने वाले हैं। पूछताछ में पता चला कि उन लोगों ने अंकित की हत्या कर दी है। कोरांव के रहने वाले दोनों युवकों ने बताया कि शव को बाइक से ले जाकर मीरजापुर के ड्रमंडगंज पहाड़ी के जंगल में फेंक दिया था। गुरुवार सुबह चार बजे पुलिस दोनों को लेकर जंगल में पहुंची। दिनभर अंकित के शव को खोजा गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। शुक्रवार को भी जंगल की पुलिस ने खाक छानी। स्नेफर डाग की मदद से पहाड़, जंगल और झाडि़यों में खोजबीन की गई, लेकिन रात दस बजे तक कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस टीम जंगल से निकल आई। पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपितों का कहना है कि देर रात उन्होंने सड़क पर बाइक खड़ी कर जंगल के भीतर काफी दूर पर अंकित के शव को फेंका था। अंधेरा होने और घबराहट की वजह से वह उस स्थान को भूल गए, जहां शव को ठिकाने लगाया था।
रायबरेली और सतना तक बेटे को तलाश आया था मूलचंद्र
मूलचंद्र ¨बद ने 21 अगस्त को बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराकर पुलिस से मदद मांगी। उससे कहा गया कि वह भी बेटे को खोजे, पुलिस टीम भी अंकित को खोजेगी। क्षेत्रीय विधायक के पास भी वह गया था, जिस पर विधायक ने हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए पुलिस कर्मियों से अंकित को जल्द बरामद करने को कहा था। बेटे की खोजबीन के लिए मूलचंद्र रायबरेली और फिर सतना तक चला गया। 25 अगस्त को सुबह वह सतना से लौटा तो दोपहर में उसके मोबाइल पर अपहरणकर्ताओं ने फोन कर फिरौती मांगी थी।