प्रयागराज (ब्यूरो)। दाखिल की गई चार्जशीट में तीनों आरोपितों पर आईपीसी की धारा 306, 120-बी के तहत आरोप साबित बताए गए हैं। आरोप पत्र तैयार करने में सीबीआई ने 154 लोगों के बयान को आधार बनाया है। कोर्ट को सीबीआई ने बताया कि उनके जरिए की गई जांच में तीनों आरोपितों के खिलाफ धारा 306 व 120-बी का आरोप प्रथम दृष्टया साबित होता है। यह भी निवेदन किया सुबूत को तलब करके आरोपितों को दंडित किया जाय। सीजेएम कोर्ट में जब आरोप पत्र पेश किया गया उस वक्त आरोपितों की तरफ से संज्ञान के बिन्दु अधिवक्ता हरीकृष्ण सुनील पांडेय व विनीत विक्रम सिंह ने विधिक प्रश्न रखकर दलीलें प्रस्तुत की। बताते चलें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र नरेंद्र गिरि की बॉडी उनके रूम में 20 सितंबर की शाम मिली थी। छत में लगे हुक से बंधी रस्सी उनके गले में भी बंधी हुई थी।
कमरे से मिला था सुसाइड नोट
रूम से 17 पेज के सुसाइड नोट भी पुलिस द्वारा बरामद किए गए थे। जिसमें महंत की ओर से सुसाइड का जिम्मेदार आनन्द गिरि, हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी व आद्या के बेटे संदीप तिवारी को ठहराया गया था। इसी के आधार पर इन तीनों के खिलाफ खिलाफ जांच शुरू हुई थी। आनन्द गिरि के खिलाफ जार्जटाउन थाने में महंत नरेंद्र गिरि को सुसाइड के लिए उकसाने का केस दर्ज हुआ था। घटना के बाद जांच एटीएस को सौंपी गई थी। इसके बाद मामले की विवेचना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर सीबीआई के पाले में पहुंच गई थी। तब से सीबीआई इस मामले में तफ्तीश में जुटी हुई थी।
अब सेशन कोर्ट भेजी जाएगी फाइल
सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र को संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लिपिक को पत्रावली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को पत्रावली सेशन कोर्ट भेजी जाएगी। अधिवक्ताओं की मानें तों सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में चार मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। इन नंबरों को सीबीआई की तरफ से संदिग्ध माना गया है।
वीडियो कॉल से कोर्ट में पेश हुए आनन्द गिरि
नरेंद्र गिरि मामले में सबीआई द्वारा पेश की गई चार्जशीट पर कोर्ट में चल रही कार्रवाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपित आनन्द गिरि भी देख और सुन रहे हैं। इस दौरान आनन्द गिरि से मजिस्ट्रेट ने कहा कि आप के खिलाफ महंत को सुसाइड के लिए उकसाने और साजिश रचने के आरोप पेश किए गए हैं। जिसकी एक प्रति आप को नैनी सेंट्रल जेल भेजी जा रही है। इस केस में अगली सुनवाई 25 नवंबर की डेट मुकर्रर की गई है। इस पर आनन्द गिरि ने मजिस्ट्रेट से याचना किया कि हमारी तरफ से मौजूद वकील से बात करा दीजिए। साथ ही मुझसे मिलने के लिए उन्हें परमीशन भी दे दीजिए। कहा कि ऐसी बहुत सी बातें हैं जो कोर्ट के सामने रखना आवश्यक है। वह बातें हमें बेगुनाह साबित करने में सहायक होंगी। इस पर मोबाइल का कैमरा मजिस्ट्रेट के आदेश पर उनके वकीलों की ओर कर दिया गया। अपने अधिवक्ता से आनन्द गिरि ने कहा कि वकील साहब जेल में मिलने तो आइए। आते वक्त समय ज्यादा लेकर आइएगा ताकि सारी बातें हो सकें। बताते हैं कि सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग का लिंक नैनी सेंट्रल जेल में नहीं जुड़ सका। ऐसी स्थिति में कोर्ट रूम के अंदर मोबाइल फोन के माध्यम से वीडियो कॉल के जरिए उन्हें जेल से कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। आनन्द गिरि के अधिवक्ता सुनील पांडेय ने कहा कि जल्द ही वह जेल जाकर आनन्द गिरि से मिलकर उनकी बातों को समझेंगे। इसके बाद जमानत प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय में दाखिल करेंगे।