प्रयागराज (ब्यूरो)। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्रनाथ की अदालत में सीबीआई द्वारा अर्जी दी गई थी। इस अर्जी पर अभियोजन अधिकारी अतुल्य कुमार द्विवेदी, संदीप कुमार व आरोपितों के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव व विजय द्विवेदी द्वारा अपने-अपने पक्ष की बात अदालत में रखी गई। सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तीनों आरोपित आनन्द गिरि, आद्या तिवारी व संदीप तिवारी भी अदालत में पेश रहे। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई द्वारा दी गई अर्जी में कहा गया है कि कि मामले की विवेचना अभी पूरी नहीं हो सकी है। इस लिए आरोपितों की न्यायिक अभिरक्षा की बढ़ाई जाय। सीबीआई द्वारा अब तक की गई विवेचना की केस डायरी, सीजेएम के समक्ष पेश की गई।
अदालत ने कहा उपलब्ध कागजातों को और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए न्यायिक अभिरक्षा की अवधि स्वीकार किए जाने के आधार पर्याप्त हैं। केंद्रीय कारागार नैनी के अधीक्षक को अदालत ने आदेश दिया है कि वह आरोपितों को अभिरक्षा में रखें। अगली डेट 18 अक्टूबर को तलब किए जाने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्हें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें। आरोपितों के अधिवक्ताओं द्वारा मामले में सुनवाई के वक्त क्षेत्राधिकार को लेकर प्रश्न उठाए गए। जिस पर अदालत ने कहा कि कि इस न्यायालय के अंतर्गत घटना घटित हुई है, जो अधिकारी स्थानीय पुलिस के विवेचक को मिलते हैं वही अधिकारी सीबीआई के विवेचक को भी प्राप्त होते हैं।
तीनों आरोपितों की न्यायिक अभिरक्षा अवधि बढ़ा दी गई है। अगली डेट 18 अक्टूबर मुकर्रर की गई है। डेट बढ़ाने के लिए सीबीआई द्वारा अर्जी दी गई थी।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी