डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस न होने से एंबुलेंस पायलट बनने की आस में पहुंचे युवा हुए निराश
एम्बुलेंस में इएमटी की इमरजेंसी नौकरी करने को कतार में लगी युवतियां
PRAYAGRAJ: एम्बुलेंस पायलट व ईएमटी की नौकरी के लिए सोमवार को तमाम युवा कतार में नजर आए। पुलिस लाइंस में लगी इस कतार में युवतियां भी शामिल रहीं। युवतियां ईएमटी के लिए डाक्यूमेंट सबमिट करने यहां पहुंची थीं। सख्त नियम व गाइड लाइन के चलते कई के डाक्यूमेंट रिसीव ही नहीं किए गए। ऐसे में उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। एम्बुलेंस में ड्यूटी करने का जज्बा युवतियों में जबरदस्त रहा। जबकि उन्हें मालूम है कि इस नौकरी में क्षत विक्षत बॉडी तक देखनी व उठानी पड़ेगी। यहां ग्रेजुएट व इससे भी ऊपर की डिग्री वाले भी लाइन में लगे हुए नजर आए। इनका कहना था कि बेकारी से बेगारी तो अच्छी ही है।
बीए-बीएससी वाले भी किए आवेदन
पायलट के लिए ड्राइविंग लाइसेंस कम से कम तीन साल पुराना होने की शर्त लागू है। वह भी पुराने लाइसेंस कार्ड वाले ही मान्य किए जा रहे थे। जिनके लाइसेंस पुराने और कॉपी वाली थी उन्हें वापस कर दिया जा रहा था। कागजात की चेकिंग करने वालों का कहना था कि कॉपी वाले डीएल लाइसेंस मान्य नहीं हैं। जिसके ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल हैं उन्हें के कागजात मान्य किए जाएंगे। पायलट की शिक्षा कक्षा आठ तक होनी अनिवार्य रहा। मगर यहां तमाम युवा बीए व बीएससी तक की डिग्री लिए कतार में खड़े रहे। हाईफाई डिग्री वाले भी एम्बुलेंस चालक की नौकरी के लिए यहां संघर्ष करते नजर आए। एम्बुलेंस में इएमटी की नौकरी के लिए बायो से इंटर पास या नर्सिग की ट्रेनिंग को अनिवार्य बताया गया। डाक्यूमेंट सबमिट करने के लिए इएमटी के अभ्यर्थियों की संख्या भी काफी रही। सबसे ज्यादा परेशान पायलट की नौकरी के लिए आवेदन करने वाले दिखाई दिए। क्योंकि ऐसे अभ्यर्थियों के पास डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थे।
मुझे एम्बुलेंस पायलट के लिए डाक्यूमेंट सबमिट करना था। मगर एक्सपेप्ट ही नहीं कर रहे। पढ़ाई में कमी नहीं है, ग्रेजुएट हूं। ड्राइविंग लाइसेंस भी पांच साल पुराना है। जो लाइसेंस वह है डिजिटल नहीं है। इसी लिए कागजात ले नहीं रहे।
धीरेंद्र सिंह, सहसों प्रयागराज
पायलट के लिए तो शिक्षा केवल कक्षा आठ पास ही मांगे हैं। मैं बीएससी कर रखा हूं। आधार कार्ड और डीएल के एड्रेस में थोड़ा चेंज है। पहले जहां रहते थे वहीं से आधार बना था। अब यह बात कोई मानने को तैयार नहीं है।
रुस्तम पाल, सेवइत मऊआईमा
मैं इएमटी पद की नौकरी के लिए यहां आई हूं। बायो से इंटर के बाद नर्सिग कोर्स भी हमने कर रखा है। एम्बुलेंस की नौकरी क्यों नहीं कर लूंगी। हमें तो मरीज का मौके से हॉस्पिटल तक राहत देनी है। बाकी कुछ ट्रेनिंग विभाग भी तो देगा।
पुष्पा देवी, कब्बा फूलपुर
बायो से इंटर होने के साथ कुछ दिन प्राइवेट नर्सिग होम में वार्ड ब्वाय की नौकरी किया था। बीच में कुछ घरेलू दिक्कत थी जो छोड़ दिए। सोच रहा कि यदि एम्बुलेंस में इएमटी पद की नौकरी मिल जाती तो ठीक था। कागजात मेरे सबमिट हो गए हैं।
दीपक सोनी, सिराथू कौशाम्बी