एसएस बाजपेयी ने कहा महाजन की दुकान पर होती थी बैठकी
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ALLAHABAD: कार्यक्रम के चीफ गेस्ट एससी बाजपेयी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को स्पेशल इंटरव्यू दिया। एमएनएनआईटी में 1977 बैच के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे एससी बाजपेयी ने कहा वे पूरे 40 वर्ष बाद इलाहाबाद आए हैं। कहा कि अब तो इलाहाबाद पहचान में ही नहीं आ रहा है। जब यहां पढ़ते थे तब एमएनएनआईटी का नाम मोनेरेको (मोती लाल नेहरू रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज) था। पुराने दिनों की याद ताजा करते हुये कहा कि तब पास में ही एक महाजन की दुकान हुआ करती थी। जहां उनकी दोस्तों संग बैठकी होती थी। रात में एक बजे भी दुकान पर पहुंच जाते थे तो बुजुर्ग दम्पत्ति उन्हें ब्रेड पकौड़ा बनाकर खिलाते थे।
आयुध इकाईयों का माडर्नाइजेशन जरूरी
लखनऊ के रहने वाले एससी बाजपेई पुराने दोस्त रमेश चन्द्र मौर्या और भरत चन्द्र राय से मिलकर काफी खुश दिखे। उनके साथ पत्नी अमिता बाजपेई भी थीं। अमिता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में मैनेजर रह चुकी हैं। उनके बेटे सुमित वेदांता ग्रुप में केमिकल इंजीनियर हैं और दूसरे बेटे अश्विन यूके की फर्म में मैकेनिकल इंजीनियर हैं। एससी बाजपेई ने 1979 में यूपीएससी का इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस एग्जाम क्वालीफाई किया था। उन्होंने कहा कि देश की आयुध इकाईयों का आधुनिकीकरण जरूरी है। इसी से देश की सुरक्षा से जुड़े आयुध भंडारों को और सशक्त बनाया जा सकेगा।