प्रयागराज (ब्यूरो)। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्य को अध्र्य देते समय वेदी का उपयोग होता है। जिसे घाट के किनारे बनाया जाता है। यहीं पर मां अपने बेटे व पति की लंबी उम्र व उन्नति के लिए सूर्य भगवान को अध्र्य देते हुए कामना करती है। शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट पहुंचे और वेदी का निर्माण किया। व्रत रखने वाले घरों के ज्यादातर लोगों ने पूजा करने के लिए घाट किनारे अपना-अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है। परिवार के सदस्यों के साथ पहुंची महिलाओं ने वेदियों पर हल्दी-चंदन के टीके लगाकर षष्ठी माता की आराधना के गीत गाए। दोपहर बाद से ही घाटों पर वेदियां बनाई जाती रही और दीप भी जलाए जाते रहे। वेदियों की पूजा कर भगवान सूर्य की व्रतियों ने आह्वान किया। इसके बाद घरों पर पहुंचकर खीर खाकर खरना किया।
अधूरी सी लग रही तैयारी
हर बार संगम घाट पर प्राप्त मात्रा में छठ व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम बनाए जाते थे। इस बार चेंजिंग रूम की संख्या काफी कम नजर आ रही है। वहीं बलुआ और नींवा घाट पर साफ-सफाई की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। वहां घाटों पर वेदी बनाए अरविंद का कहना है कि दलदल कुछ ज्यादा है। मच्छर काफी है। यह पूजा शाम और सुबह दो ही बजे श्रद्धालु पहुंच जाते है। ऐसे में यहां बराबर छिड़काव होना जरूरी है। लाइट जो लगाए है। उसकी संख्या भी काफी कम है। क्योंकि जब लोग पहुंचते है तो ये संख्या धीरे-धीरे बढ़ती चली जाती है। मजबूरी में लोगों को अंधेरे में पूजा करना पड़ता है।