कोरोना की दूसरी लहर में भी नही माने प्रयागराज के लोग

मंडल में सबसे ज्यादा हुए चालान, सीज में प्रतापगढ़ रहा आगे

लॉक डाउन के दौरान सड़कों पर गाडियां दौड़ाने में इलाहाबादी मंडल में सबसे आगे रहे। लाख मनाही के बावजूद वह नही माने और घर से बाहर निकेल। ऐसे में पुलिस ने चालान भी जमकर किए। इन मामलों में प्रयागराज के लोग मंडल में नंबर वन पर रहे। यही कारण है कि प्रयागराज में सबसे ज्यादा बैरियर सड़कों पर लगाए गए थे। वहीं गाड़ी सीज में होने पहला नंबर प्रतापगढ़ जिले का रहा है।

24 लाख से अधिक वाहन हुए चेक

कोरोना की दूसरी लहर में प्रयागराज में 562 जगहों पर बैरियर लगाए गए थे।

यहां से गुजरने वाले वाहनों को चेक किया जा रहा था।

ऐसे में जिले में 2477368 वाहनों की चेकिंग की गई और इसमें से 190385 वाहनों का चालान कर दिया गया।

इतना ही नही 2483 वाहनों को सीज किया गया।

अधिकारियों का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान भी लोगों में डर नाम की चीज नही थी।

लोग बिना किसी कारण सड़कों पर घूुमते मिल रहे थे।

पकड़ा जाता था झूठ

अधिकारियों का कहना है कि वाहनों का चालान करना मजबूरी था। क्योंकि बहुत से लोगों के पास मुफीद जवाब नहीं होते थे। उनके बहाने पकड़े जाते थे। जिनके पास दवा के पर्चे या दवाएं होती थीं उनको जाने दिया जाता था। इमरजेंसी केसेज में भी चालान नही किया गया। लेकिन जो लोग जबरन या मौज मस्ती के लिए घर से निकल रहे थे उनका हर हाल में चालान किया गया। प्रतापगढ़ में सबसे ज्यादा 2775 वाहनों को इन्ही कारणों से सीज कर दिया गया।

नकली परमिट का रहा बोलबाला

लॉक डाउन के दौरान एक और मामला सामने आया। प्रयागराज में इमरजेंसी को देखते हुए 79891 वाहनों को परमिट दिया गया था। लेकिन इससे अधिक वाहन सड़कों पर दौड़ते रहे। इनमें से कईयों के पास फर्जी परमिट पकड़ा गया। इनके वाहनों को भी सीज करने की कार्यवाही की गई। कोविड के अधिक संक्रमण के पीछे भी लोगों का घर से निकलना अहम कारणों में शामिल रहा।

सड़कों पर दो पहिया वाहन चलाने के दौरान मास्क पहनना जरूरी है। बहुत से लोग कोरोना काल में सड़कों पर घूम रहे थे। ऐसे लोग भी संक्रमण का शिकार हुए हैं।

डॉ। सतेंद्र राय

एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज