प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद यूनिवर्सिटी अब छात्रों के साथ ही प्रोफेशनल्स और कॉमन मैन की एजुकेशन प्रोफाइल रिच बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ा चुकी है। यूनिवर्सिटी ने इस साल 18 सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करने का फैसला लिया है। वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की तरफ से इन कोर्सेज के संचालन को ओके भी मिल चुका है। सभी कोर्सेज का संचालन चालू एकेडमिक सेशन से ही किया जायेगा।
सेल्फ डिपेंडेंट बनाना है टारगेट
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो। संगीता श्रीवास्तव की पहल पर डिजाइन किये गये ऐसे कोर्सेज की कुल संख्या फिलहाल 18 है। सभी सर्टिफिकेट कोर्स होंगे। टारगेट स्टूडेंट्स के साथ ही प्रोफेशनल्स और कॉमनमैन को किया जायेगा। सभी कोर्स डिस्टेंस मोड में संचालित किये जाएंगे तो इसके लिए किसी को रेग्युलर क्लास अटेंड करना भी जरूरी नहीं होगा। सभी कोर्सेज का ड्यूरेशन 15 वीक का रखा गया है। यूनिवर्सिटी के अनुसार इन कोर्सेज को इंट्रोड्यूज करने का एम आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाना है। इन कोर्सेज में इंट्री लेने के लिए एज की कोई बाउंड्री लाइन तय नहीं की गयी है। इन्हें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
ये सर्टिफिकेट प्रोग्राम होंगे संचालित
भारतीय संस्कृति और विरासत (इंडियन कल्चर एंड हैरिटेज)
कंप्यूटर अनुप्रयोग (कंप्यूटर अप्लीकेशन)
बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक्स (बेसिक इलेक्ट्रानिक्स)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में खोजें (डिस्कवरीज इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी)
विदेशी भाषाएँ : फ्र ंच, जर्मन, अरबी, मंदारिन, रूसी (फॉरेंन लैग्विजेज : फ्र ंच, जर्मन, अरेबिक, मंदारिन एंड रसियन)
भारतीय संविधान के मूल सिद्धांत (बेसिक प्रिंसिपल्स ऑफ इंडियन कांस्टीट्यूशन)
वित्तीय निवेश रणनीतियाँ (फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजीज)
संगीत (सितार)
संगीत (तबला)
औषधीय पौधे (मेडिसिनल प्लांट)
स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण और योग (हेल्थ, हाइजीन, न्यूट्रीशन एंड योगा)
मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ)
बेकरी और कन्फेक्शनरी तकनीक
पुष्प सज्जा कला (फ्लोरिट्री आर्ट)
कढ़ाई कौशल : हाथ से डिजिटल तक (इंब्रोइडरी स्किल : हैंड टू डिजिटल)
ड्रेस डिजाइनिंग
संचार कौशल और व्यक्तित्व विकास (कम्युनिकेशन स्किल एंड पर्सनैलिटी डेवलपमेंट)
भारतीय संस्कृति को करेंगे रिच
इलाहाबाद विश्वविद्यालय समाज के सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में पढ़ाया जाएगा जिससे सामान्य आदमी भारतीय संस्कृति एवं उसके गौरवमयी इतिहास को जान सके। वहीं, भारतीय संविधान के मूल तत्वों को भी उन्हें पढ़ाया जाएगा जिससे वे विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान की बारीकियों को जानकर एक सुसंस्कारित इंसान बन सकें। इससे वे संविधान में वर्णित अपने अधिकारों को जान सकेंगे और समय आने पर इसी जानकारी से अन्य व्यक्तियों को न्याय दिला सकेंगे।
विदेशी भाषाएं खोलेंगी रोजगार के द्वार
विश्वविद्यालय में रोजगारउन्मुखी विदेशी भाषाओं में भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम करवाए जाएंगे। इसमें फ्र ंच, जर्मन, मंदारिन, रूसी प्रमुख हैं। इन भाषाओं को सीखने के बाद कोई भी विद्यार्थी देश-विदेश में अपने अनुरूप रोजगार सृजित करने में समर्थ होगा। इस पाठ्यक्रम को भारतीय सेना के अधिकारियों और रोजगार के लिए विदेश जा रहे लोगों की जरूरत के अनुसार विकसित किया गया हे, जिससे वे लाभान्वित हो सकेंगे।
आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य
यूनिवर्सिटी छात्रों ही नहीं अपितु क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्रेस डिजाइनिंग, बेकरी और कन्फेक्शनरी तकनीक के साथ फ्लावर डेकोरेशन में भी सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए हैं। इनका मकसद क्षेत्र के लोगों में ज्यादा से ज्यादा स्किल विकसित करना है जिससे वे स्वरोजगार की ओर अपना कदम बढ़ा सकें।
सीखेंगे निवेश के तरीके
विश्वविद्यालय में औषधीय पौधे के प्रति जागरूकता लाने के लिए भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम प्रारम्भ किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण और योग के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम करवाए जा रहे हैं। इससे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। वहीं, आर्थिक साक्षरता के लिए फिनेंशियल इन्वेस्टमेंट से जुड़ा सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। सितार एवं तबला वादन में भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम करवाए जा रहे हैं।
ऐसे ले सकेंगे प्रवेश
जनसंपर्क अधिकारी प्रो। जया कपूर ने बताया कि सर्टिफिकेट प्रोग्रामों में वर्ष में दो बार प्रवेश होंगे।
इन पाठ्यक्रमों में अगस्त के प्रथम सप्ताह तक एवं जनवरी में द्वितीय सप्ताह तक प्रवेश ले सकेंगे।
इस संबंध में समस्त जानकारी प्रवेश भवन से प्राप्त की जा सकती है।
विश्वविद्यालय में स्किल बेस्ड कई कोर्स शुरू किए गए हैं। इन सर्टिफिकेट प्रोग्राम में केवल पांच हजार रूपये में पंजीकरण करवाकर दक्षता हासिल की जा सकती है। कोर्स को जॉब ओरिएंटेड डिजाइन किया गया है। सभी कोर्सेज पाठ्यक्रम लोगों की जरूरत को समझकर प्रारंभ किए गए हैं।
प्रो। संगीता श्रीवास्तव
वीसी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, प्रयागराज