प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनफारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) आधारित चार सुविधाएं लागू की हैं। इसके जरिए शिक्षक-कर्मचारी व छात्र-छात्राएं अब घर बैठे रिमोट एक्सेस के माध्यम से लाइब्रेरी की पुस्तकें पढऩे के साथ लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों के बारे में जानकारी जुटा सकेंगे। खास बात यह है कि अब लाइब्रेरी से पुस्तक आवंटित कराने के लिए इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में बुधवार को सेंट्रल लाइब्रेरी में नई व्यवस्था की उद्घाटन किया गया।

पुस्तकालय अध्यक्ष डा। बीके ङ्क्षसह ने बताया कि वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी में पठन सामग्री का बड़ा संग्रह है। कुलपति ने इनफारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी आधारित चार सुविधाओं (इंस्टीट््यूशनल रिपोजिटरी, वेबओपैक, बारकोड के माध्यम से बुक सर्कुलेशन और रिमोट एक्सेस) की सुविधा की शुरुआत की। इंस्टीट््यूूशनल रिपाजिटरी से विश्वविद्यालय के शिक्षकों व शोधार्थियों और कर्मचारियों की तरफ से लिखी गई पाठ्य सामग्री का आनलाइन डेटा विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर मौजूद होगा। इसे केवल शिक्षक और छात्र ही आनलाइन पढ़ सकेंगे। वेबओपैक से लाइब्रेरी में पुस्तकों की उपलब्धता के बारे में घर बैठे पता लगाया जा सकेगा। बारकोड के माध्यम से बुक सर्कुलेशन की सुविधा शुरू होने से अब चंद मिनटों में ही पुस्तकों को जारी कर दिया जाएगा।

रिमोट एक्सेस की भी सुविधा
नई व्यवस्था की शुरुआत के साथ ही यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के रिमोट एक्सेस की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। इसके माध्यम से घर बैठे ई बुक्स, ई जर्नल आदि का लाभ उठाया जा सकेगा। प्रथम चरण में यह सुविधा शिक्षकों और शोधार्थियों को मिलेगी। नए सत्र से यह व्यवस्था स्नातक और परास्नातक के छात्र-छात्राओं को भी मिलने लगेगी। इस दौरान रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ल, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो। एसआई रिजवी, विज्ञान संकाय के डीन प्रो। शेखर श्रीवास्तव, डीन कालेज एंड डेवलपमेंट प्रो। पंकज कुमार, प्रो। प्रशांत कुमार घोष आदि उपस्थित रहे। इस व्यवस्था की शुरुआत करने के बाद शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रो। धनंजय यादव और डा। रुचि दुबे द्वारा संकलित एक पुस्तक का विमोचन भी नार्थ हाल में किया।

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लाख ङ्क्षप्रट व इलेक्ट्रानिक पुस्तकें उपलब्ध हैं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में
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थीसिस भी है सेंट्रल लाइब्रेरी का पार्ट, डाटाबेस जुटाने में करेगा मदद
18000
ङ्क्षप्रट व आनलाइन जर्नल हैं लाइब्रेरी में उपलब्ध
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इलेक्ट्रानिक डेटाबेस भी लाइब्रेरी का पार्ट

प्रथम चरण में यह सुविधा रिसर्च स्कॉलर्स और टीचर्स के लिए उपलब्ध करायी जा रही है। नेक्स्ट फेज में यह सुविधा छात्रों को भी उपलब्ध करा दी जाएगी।
प्रो। एनके शुक्ला, रजिस्ट्रार, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी