-नैनी सेंट्रल जेल से रिहा किए गए सभी सात इंडोनेशियाई जमाती
-कोरोना काल में एक अप्रैल को गिरफ्तार पुलिस ने भेजा था जेल
PRAYAGRAJ: नैनी सेंट्रल जेल से शुक्रवार को इंडोनेशिया के सात जमातियों को रिहा कर दिया गया। जेल से आने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। जब तक मुकदमा चलेगा सभी शाहगंज थानाक्षेत्र अब्दुल्ला मस्जिद में ही रहेंगे। उम्मीद है कि सोमवार तक थाईलैंड के नौ जमाती भी कारागार की दीवार से बाहर आ जाएंगे।
मस्जिद से पकड़े गए थे 17 लोग
कोरोना काल में मरकज अब्दुला मस्जिद मुसाफिर खाना से कुल 17 लोग एक अप्रैल को गिरफ्तार किए गए थे। जिसमें सात इंडोनेशियाई और शेष 10 लोग स्वदेशी थे। स्वदेशी नागरिकों में केरल, पश्चिम बंगाल, करेली, नैनी, धूमनगंज, शाहगंज और मुट्ठीगंज के लोग शामिल थे। इनमें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मो। शाहिद समेत कई की जमानत पहले ही हो चुकी थी। इंडोनेशियाई नागरिकों पर विदेश अधिनियम का उल्लंघन करने, साजिश में शामिल होने, कोरोना महामारी फैलाने के आरोप थे। इनके वीजा रद कर पासपोर्ट प्रशासन जब्त कर लिया था। विदेशी जमातियों के अधिवक्ता एसए नसीम ने कहा कि 24 अगस्त को हाईकोर्ट ने इंडोनेशियाई नागरिकों की जमानत स्वीकार कर लिया था। शुक्रवार को इंडोनेशियाई के इदरूस उमर, अदे कुसित्वा, शमशुल हदी, इमाम शफी सरनो, सतीजो जोइसोनो, हेंडर ¨सबोलन और डेडिक इस्कंदर को नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन ने रिहा कर दिया। सभी को उनके अधिवक्ता के हवाले किया गया है। जेल से उन्हें अब्दुल्ला मस्जिद लाया गया। सभी दिल्ली से आकर यहां टिके हुए थे। प्रो। मो। शाहिद के कहने पर इन्हें अब्दुल्ला मस्जिद में ठौर दिया गया था। एक विदेशी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव भी आई थी।