मंदिर के महंत ब्रह्मालीन ओमकार देव गिरि को दी गई है समाधि
महंत नरेंद्र गिरि व हरी गिरि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
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वेणी माधव मंदिर दारागंज प्रयागराज के महंत ओमकार देव गिरि की समाधि मंदिर परिसर में बनाने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचियों का कहना है कि मंदिर से समाधि हटाकर अन्यत्र स्थापित कर मंदिर की पवित्रता व जन आस्था से खिलवाड़ रोका जाए। हालांकि याचिका में कोर्ट से उचित आदेश देने की प्रार्थना की गयी है।
मंदिर परिसर में समाधि बनाना गलत
याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता रामचंद्र शर्मा और सृष्टि दुबे का कहना है कि पांच मई को महंत ओमकार देव गिरि ब्रह्मालीन हो गए थे। वैष्णव परंपरा के अनुसार पार्थिव शरीर को गंगा में प्रवाहित करने या भू-समाधि दी जानी चाहिए। लेकिन, मंदिर की नई महंत व ओमकार देव की बेटी ने मृतक की अंतिम इच्छा बताकर मंदिर के पीछे परिक्रमा मार्ग के बगल भू-समाधि दे दी है। स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बावजूद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि ने पुलिस की मदद से मंदिर परिसर में ही परिक्रमा मार्ग पर ओंकारदेव गिरि की समाधि बनवा दी। समाधि बनवाने में लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया। याचिका में कहा गया है कि नरेंद्र गिरि और हरी गिरि को मंदिर परिसर में समाधि बनवाने का कोई अधिकार नहीं है। इनके खिलाफ लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करने पर कानूनी कार्रवाई की जाय।