प्रयागराज (ब्यूरो)।संगम नगरी प्रयागराज की शान में एक और गौरव गाथा जुडऩे जा रही है। इलाहाबाद म्यूजियम में रखा राजदंड यानी सेंगोल अब नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा में स्थापित किया जाएगा। इसे म्यूजियम की नेहरू वीथिका में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की व्यक्तिगत वस्तुओं के साथ रखा गया था। चार नवंबर को 2022 इसे उप्र की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देश पर दिल्ली के नेशनल म्यूजियम को सौंप दिया गया था। बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इसकी जानकारी दिए जाने के बाद प्रयागराज में खुशी की लहर छा गई।
पर्यटकों के आकर्षण का बना था केंद्र
इलाहाबाद म्यूजियम की नेहरू वीथिका में रखा गया यह सेंगोल लंबे समय तक दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा। सोने की बनी यह छड़ी 162 सेमी लंबी है और वर्ष 1954 में इलाहाबाद म्यूजियम की शुरुआत हुई प्रथम प्रधानमंत्री ने इसे अपनी व्यक्तिगत संग्रहीत वस्तुओं के साथ इसे सौंप दिया गया था। बताया जाता है कि म्यूजियम 1942 में वर्तमान के नगर निगम भवन में संचालित किया जा रहा है। 15 सितंबर 2022 को लखनऊ में इलाहाबाद संग्रहालय की चेयरपर्सन और उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया था कि छड़ी को दिल्ली संग्रहालय भेजने की व्यवस्था की जाए।
प्रधानमंत्री मोदी को किया जाएगा भेंट
यह फैसला पहले ही हो चुका था कि इलाहाबाद म्यूजियम में रखे गए राजदंड को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। इसीलिए इसे पूर्व में ही नेशनल म्यूजियम दिल्ली भिजवा दिया गया था। अब तमिलनाडु के विद्वान पहुुंचकर इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करेंगे। केंद्र के इस फैसले से म्यूजियम के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच खुशी का माहौल बना हुआ है। वह उस पल का इंतजार कर रहे हैं जब इस राजदंड को नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा में स्थापित किया जाएगा।
पर्सनल प्रापर्टी के तौर पर थी पहचान
बताया जाता है कि ब्रिटिश हुकूमत में किंग जॉर्ज के कहने पर अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने तमिलनाडु की एक कंपनी से यह राजदंड यानी सेंगोल तैयार करा कर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था। यह 75 साल तक म्यूजियम में रखा रहा। इस दौरान इसे पंडित नेहरू की पर्सनल प्रापर्टी के तौर पर जाना जाता रहा। इसे नेहरू वीथिका के एक शो केस में रखा गया था। फिलहाल इलाहाबाद म्यूजियम के पास इस राजदंड की कोई मिलती जुलती कृति भी मोजूद नही है। कहा जाता था कि देश आजाद होने के बाद सत्ता हस्तांतरण के समय इसे पंडित नेहरू को निशानी के तौर पर सौंपा गया था। नेहरू वीथिका में पंडित नेहरू के बचपन की तस्वीरों से लेकर उनके घरों के मॉडल ऑटो बायोग्राफी व उपहार में मिली हुई तमाम वस्तुएं रखी गई है। चौकाने वाली बात यह है कि अभी तक खुद प्रयागराज के लोगों को इस राजदंड की अहमियत और हकीकत के बारे में जानकारी नही थी।यह काफी खुशी की बात है कि नए संसद भवन में इलाहाबाद म्यूजियम की धरोहर राजदंड को स्थापित किया जाएगा। इसे 4 नवंबर 2022 को हमने नेशनल म्यूजियम दिल्ली को सौंप दिया था।
राजेश प्रसाद, निदेशक
इलाहाबाद म्यूजियम