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मार्च से शुरू हुआ है यूपी बोर्ड की कापियों का मूल्यांकन
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मूल्यांकन केन्द्र बनाये गये हैं शहर में
572
डीएचई तैनात किये गये हैं मूल्यांकन केन्द्रों पर
5,644
परीक्षकों की लगायी गयी है ड्यूटी
11,97,117
कापियों के मूल्यांकन का टारगेट है प्रयागराज के लिए
50
फीसदी टीचर्स ने ही पहले दिन दर्ज करायी उपस्थिति
10
दिन में पूरा करना है कापियां चेक करने का लक्ष्य
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मूल्यांकन केन्द्रों पर पहले दिन कापियों का मूल्यांकन शुरू करने में दिखी आनाकानी
prayagraj@inext.co.in
PRAYAGRAJ: यूपी बोर्ड परीक्षा के बाद सोमवार से कापियों के मूल्यांकन का कार्य शुरू हो गया। मूल्यांकन के लिए सिटी में इस बार कुल 10 सेंटर बनाए गए है। पहले दिन मूल्यांकन की रफ्तार बेहद स्लो रही। इसके पीछे बड़ा कारण था मूल्यांकन में लगे टीचर्स की प्रजेंस कम होना और दूसरे उनकी आपस में होने वाली बातचीत। मूल्यांकन के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे परीक्षक बेहद हल्के मूड में दिखे। राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज में बड़ी संख्या में परीक्षक प्रिसिंपल से पहले दिन कापियां चेक करने के स्थान पर छुट्टी लेकर वापस लौटने की बात करने पहुंच गये। प्रिंसिपल ने सीधे-सीधे इंकार कर दिया तो वे मायूस होकर कापियां जांचने में लग गये। उससे भी काम का माहौल कम बन पाया।
पहले दिन कहां जंचती हैं कापियां मैडम
मूल्यांकन के लिए पहुंचे परीक्षकों की एक टीम ने प्रिंसिपल डॉ। इंदू सिंह ने अलग ही दलील दे डाली।
परीक्षकों की टीम के मेंबर्स ने कहा कि मैडम आज हमारे डीएचई नहीं पहुंचे हैं।
ऐसे में कल से आकर मूल्यांकन करेंगे।
वैसे भी मैडम पहले दिन कहां मूल्यांकन होता है। पहले भी ऐसा ही होता था।
इस पर प्रिंसिपल ने भी साफ कहते हुए कहा कि कापियां जांचने के बाद ही वापस जाएं।
पहले भले नहीं होता होगा, लेकिन इस बार तो करना है।
बोर्ड की तरफ से दस दिन का टारगेट निर्धारित है।
समय से कापियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो टारगेट कैसे एचीव करेंगे।
कुछ टीचर आए थे जो पहले दिन डीएचई की गैरमौजूदगी बताकर कापियां चेक करने के मूड में नहीं थे। उन्हें टारगेट के दस दिन बताकर काम पर कंसंट्रेट करने के लिए कहा गया। काम भी आज से शुरू हो गया है।
डॉ। इंदू सिंह
प्रिंसिपल, जीजीआईसी