रिलेशन में रह रहे युवकों को पिता से मिल रही धमकी
गे और लेस्बियन रिलेशनशिप को सुप्रीम कोर्ट का ओके मिलने के बाद गे रिलेशनशिप में जी रहे फ्रेंड्स को प्रोटेक्शन मांगने पर निराशा हाथ लगी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह पापुलेशन कंट्रोल के लिए अच्छा है। लेकिन, यह सोशल प्राब्लम है और कोर्ट ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
दो युवकों ने मांगी थी सुरक्षा
बता दें कि हाल ही में सुप्रीमकोर्ट ने धारा 377 पर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने गे और लेस्बियन रिलेशनशिप को वैध करार देते हुए 158 साल पुराना कानून रद कर दिया है। इसी को बेस बनाकर रायजाद गांव शामली के दो युवकों गुलफाम मालिक व मुनव्वर ने यह कहते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली कि वे गहरे दोस्त हैं और एक दूसरे से मुहब्बत करते हैं। इस रिलेशनशिप पर परिवार को ऐतराज है और वे उन्हें परेशान कर रहे हैं। जस्टिस पंकज मित्तल तथा मुख्तार अहमद की खण्डपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान तर्क दिया गया कि दोनों के पिता पप्पू व जब्बार उन्हें धमका रहे हैं। उन्होंने एसपी से शिकायत की किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब ऐसा कृत्य अपराध नहीं है। ऐसे में उन्हें संरक्षण दिया जाय। कोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।