-मिडडे मील के लिए बनना था कम्यूनिटी किचेन

-एग्रीमेंट को बीते तीन साल, सिटी जमीन उपलब्ध न होने से अटका प्रोजेक्ट

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PRAYAGRAJ: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिड डे मील को बेहतर बनाने के लिए डिस्ट्रिक्ट में नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी थी। इसके लिए जिले में कम्युनिटी किचन बनाने की प्लानिंग की गई थी। तीन साल पहले बनी योजना और उसकी तैयारी अभी तक जमीन पर नहीं उतर सकी। कम्युनिटी किचेन की योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई है।

सिटी के स्कूलों के लिए होनी थी व्यवस्था

-बेसिक शिक्षा परिषद के सिटी में संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए तीन साल में कम्युनिटी किचन बनाने का प्लान था।

-सूबे की तत्कालीन सरकार और अक्षयपात्र संस्था के बीच 31 दिसंबर 2016 में समझौता पत्र पर साइन हुआ था।

-कम्युनिटी किचन के जरिए शुरुआती दौर में सिटी और झूंसी, नैनी व फाफामऊ के लाख स्कूली बच्चों को गर्मागर्म मिडडे मील उपलब्ध कराने की योजना थी।

-पहले अक्षयपात्र संस्था के प्रतिनिधियों ने बहरिया ब्लाक के कुसुंगगुर गांव में तीन एकड़ जमीन में आधुनिक प्लांट किचन बनाने के लिए फाइनल किया था।

-इसका एग्रीमेंट भी हो गया था। उसके बाद 2019 में संस्था की ओर से बहरिया में कम्युनिटी किचन बनाने से मना कर दिया।

-संस्था की ओर से सिटी में जमीन देने की मांग की गई है। मामला अटकने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन के माध्यम से शासन ने सलाह भी मांगी है।

-डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया है कि तीन साल पहले हुए एग्रीमेंट के शर्तो में क्या बदलाव किया जा सकता है।

चार घंटे में एक लाख के लिए बनेगा मिडडे मील

-अक्षयपात्र संस्था की ओर से तैयार कराए जाने वाले कम्युनिटी किचन में एक लाख बच्चों के लिए चार घंटे में मिड डे मील तैयार करने प्लानिंग है।

-हाइजेनिक तरीके से मिड डे मील तैयार करने के लिए संस्था की ओर से किचन में मशीनों का यूज होना है।

-प्लांट में लगने वाली मशीनों से एक घंटे में 25 हजार रोटियां तैयार की जाती है।

-ऑटोमैटिक प्लांट में आटा गूंथने के लिए वृहद संयत्र, दाल, चावल के लिए ब्वॉयलर और सब्जी, खीर के लिए बड़े कुकर का प्रयोग करते हैं।

-साथ ही स्कूलों तक मिड डे मील पहुंचाने के लिए विशेष इंसुलेटेड वैन की व्यवस्था रहेगी। जिससे हाइजेनिक तरीके से बच्चों को अच्छा मिड डे मील उपलब्ध कराया जा सके।

सिटी के अंदर तीन एकड़ जमीन उपलब्ध करना मुमकिन नहीं है। ऐसे में फिलहाल कम्युनिटी किचन बनना संभव नहीं दिख रहा है।

-राजीव त्रिपाठी, जिला समन्वयक मिडडे मील