-रोड किनारे बसर करने वाले दो परिवारों के बच्चों चुरा चुका है बच्चा चोर गैंग
-सिटी में दो घटनाओं के बावजूद सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दे रहा जिला प्रशासन
PRAYAGRAJ: कौन हैं और ये कहां से आए हैं। किसी को कुछ पता नहीं। यहां न तो इनका घर है और न ही रहने का कोई ठिकाना। कोई सिग्नल पर गाडि़यां साफ कर रहे तो कोई गुब्बारा बेच रहा है। किसी का पिता रिक्शा चला रहा तो कोई मजदूरी कर रहा। पूरा परिवार शहर में खुले आसमान के नीचे सड़क किनारे रहता है। सिटी में ऐसे एक दो नहीं सैकड़ों परिवार हैं। नशे में चूर इन परिवारों के बच्चों पर चोर गैंग की नजर है। बच्चों को चुराने वाले गैंग पिछले तीन महीनों में दो घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। यह बात दीगर रही कि चोरों को गिरफ्तार पुलिस चोरी हुए बच्चों को बरामद कर ली। इन घटनाओं के बावजूद जिला प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही। इनकी सुरक्षा को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
यह हैं कुछ हालिया घटनाएं
घटना -1
एक घटना दो माह पूर्व कीडगंज एरिया में हुई थी। रिक्शा चालक पिता के साथ रही बच्ची को गैंग ने चुरा लिया था। चुराए गए बच्चे को गैंग द्वारा एक डॉक्टर दंपति के हाथ बेचा गया। कड़ी मशक्कत के बाद उसके बच्चे को बरामद कर पुलिस डॉक्टर दंपति समेत चोर को जेल भेजा।
घटना-2
यह घटना अभी लोग भूले भी नहीं थे कि रेलवे स्टेशन के पास रोड किनारे रह रहे एक परिवार की बीस दिन की बच्ची चोरी हो गई। कई दिनों तक चली कड़ी तफ्तीश के बाद पुलिस ने इस बच्ची को भी बरामद कर लिया। चुराए गए दोनों बच्चे रोड किनारे रहने वाले परिवार से थे।
यहां रोड किनारे रहते हैं परिवार
सिविल लाइंस पत्थर गिरिजा घर के पास रोड किनारे रहते हैं कई परिवार।
सिविल लाइंस हनुमान मंदिर और बेली हॉस्पिटल के पास कई परिवार हैं रोड पर।
प्रयागराज रेलवे जंक्शन और रोडवेज बस अड्डे के पीछे साइड सड़क किनारे।
बैरहना चौकी के आगे मंदिर के पास और पुराना यमुना पुल के नीचे।
दरागंज व कीडगंज एरिया के परेड मैदान और बड़े हनुमान मंदिर के आसपास।
शास्त्री पुल व दरागंज रेलवे ब्रिज के नीचे भी रहता है कई परिवार।
कीडगंज व दारागंज एरिया में कई परिवार झोपड़पट्टी बना कर बाकायदे बस गए हैं।
इनमें ज्यादातर परिवार नशे में टल्ली रहते हैं। यही वजह है कि वह खुद भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दे पाते।
परिणाम यह है कि इन परिवारों के बच्चों को बच्चा चोर गैंग के लोग आसानी से चुरा ले रहे हैं।
ऐसे परिवारों की डिटेल कलेक्ट कर उनके बारे में पता लगाया जाएगा। वैसे भी ठंड का मौसम है इन्हें रैन बसेरा में रहना चाहिए। जल्द ही इस दिशा में सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।
-अशोक कनौजिया, एडीएम सिटी