प्रयागराज (ब्यूरो)। बता दें कि पिछले दिनों शिवकुटी, बघाडा, फाफामऊ आदि एरिया में बड़ी ंसख्या में सुअरों की मौत से पशुपालन विभाग के कान खडे हो गए हैं। एक के बाद एक हुई इन मौतों से पर्दा हटाने के लिए विभाग लग गया है। विभाग की ओर से गठित की गई टीमें मौत का कारण पता लगाने में लगी हैं। कई देशों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फीवर के मामले सामने आने के बाद मामला अधिक पेचीदा हो गया है। बताया गया कि जांच के लिए सैंपल को भोपाल की हाई सिक्योरिटी लैब में भेजा जा रहा है। मृत सुअरों का पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया है। नगर निगम मरी हुई सुअरों को जेसीबी की सहायता से दफना रहा है।
शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
जांच टीम को जो भी क्लू मिलेगा उसकी जानकारी रोजाना शासन को भेजी जानी है। शासन स्तर पर भी इस संक्रामक बीमारी को लेकर एलर्टनेस जारी की गई है। पशुपालन विभाग की ओर से सुअरबाड़ा में पशुपालन विभाग की टीम जांच करने जाएगी। इसके लिए ब्लाक, तहसील और जिलास्तर पर टीम का गठन किया गया है। एक टीम में चार सदस्य शामिल हैं। आंकड़ों पर जाएं तो जिले में 25 हजार सुअर मौजूद हैं ओर 500 से अधिक सुअर पालक हैं।
बाढ़ के सीजन में फैलने का खतरा
वर्तमान में जिले में बाढ़ का कहर जारी है। नदियों का पानी घरों में घुस गया है। ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। शासन और प्रशासन की ओर से दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है। खासकर डेंगू, पीलिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां ऐसे माहौल मं अधिक पनपती हैं। पशुपालन अधिकारी आरपी राय कहते हैं कि शासन और प्रशासन नही चाहता कि किसी प्रकार के संक्रमण का प्रसार हो। यही कारण है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फीवर को लेकर एलर्ट जारी कर दिया गया है।