-लॉकडाउन में बैंकिंग सेक्टर की जॉब छोड़ प्रत्युष ने शुरू किया 'लालाजी सुपरमार्ट'
-सुपरमार्ट में काम पर उन्हीं को रखा जिन्होंने लॉकडाउन में गंवाई थी जॉब
PRAYAGRAJ: लॉकडाउन के दौरान एक सेंटेंस बहुत फेमस हुआ था, 'आपदा में अवसर'। तमाम लोग हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान हुई प्रॉब्लम्स से इंस्पिरेशन ली। तमाम लोगों ने उस दौरान की मुसीबतों में मंजिलों का पता ढूंढ लिया। कुछ ऐसी कहानी है प्रत्युष कुमार श्रीवास्तव की। प्रत्युष नोएडा में बैंकिंग सेक्टर में जॉब करते थे। लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसी सिचुएशंस बनीं कि उन्हें जॉब छोड़नी पड़ी। इसके बाद प्रत्युष वापस इलाहाबाद आ गए। यहां आकर उन्होंने अपना बिजनेस स्टार्ट किया। प्रयागराज के गोविंदपुर टेंपो स्टैंड के पास उनका 'लालाजी सुपरमार्ट' नाम से सुपरमार्ट है। आइए सुनते हैं प्रत्युष के सफर की कहानी, उन्हीं की जुबानी।
अकेलेपन ने सिखाया
जिंदगी में हम सभी तमाम चैलेंजेज से गुजरते रहते हैं। मेरे ख्याल से कोरोना काल हम सभी के जीवन का एक बड़ा चैलेंज रहा। इसने हमारी जिंदगियों को एक ऐसा मोड़ दिया, जो लाइफटाइम चेंज लेकर आया। लॉकडाउन से पहले मैं नोएडा में रहता था। मैं वहां बैंक में जॉब करता था। मेरे पिताजी इलाहाबाद में अकेले रहते थे। मैं उन्हें अपने पास नोएडा बुलाना चाहता था, लेकिन पिताजी का अपने शहर से लगाव उन्हें आने नहीं देता था। तभी कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया। इसके चलते दो महीने से ज्यादा वक्त तक मैं अकेले रहा। इस अकेलेपन के दौरान मैंने अपने पिता की तकलीफ महसूस की, जो यहां अकेले रहते थे।
अब पापा को अकेले नहीं छोड़ना
मई में मैंने जॉब छोड़ दी और प्रयागराज वापस आ गया। यहां हम सभी साथ-साथ रहने लगे। यहां रहने के दौरान रियलाइज हुआ कि कॉरपोरेट लाइफ के चैलेंजेज से जूझते हुए हम अपनों का साथ कितना मिस कर रहे हैं। इसके बाद तय किया कि कुछ भी हो जाए अब पापा को अकेले छोड़कर नहीं जाना है। इसके बाद मैंने अपने बिजनेस का प्लान बना लिया। मेरा हमेशा सोचना था कि हमारे एरिया में एक शॉप हो, जहां ग्रॉसरी रिलेटेड सारे प्रॉडक्ट्स एक छत के नीचे मिल जाएं। हमारे घर की लोकेशन टेंपो स्टैंड के पास ही है। बस मैंने अपने इसी सोच का दायरा बढ़ाते हुए 'लाला जी सुपरमार्ट' की शुरुआत कर दी।
स्टाफ भी वही, जिनकी कोरोना में जॉब गई
हमारी कोशिश है कि लालाजी सुपरमार्ट में सिर्फ बिजनेस न हो। इसके साथ-साथ हम ह्यूमन वैल्यूज को भी तरजीह देते हैं। इसी के तहत हमने अपने स्टाफ में भी उन लोगों को जगह दी है, जिन्होंने कोरोना के चलते अपनी जॉब गंवाई थी। अभी तो हमारा बिजनेस भी इनीशियल स्टेज पर है। जैसे-जैसे बिजनेस ग्रो करेगा, हम ऐसे लोगों को ही स्टाफ में रखेंगे जो नीडी होंगे। अपने घर और अपने शहर में आकर एक सुकून भी मिल रहा है।