प्रयागराज ब्यूरो । बीस से 25 लाख लोगों को कंट्रोल कर पाने में हांफ गया प्रशासन तो महाकुंभ में स्नान पर्वों पर क्या होंगे हालात
एयर-शो की भीड़ व अव्यवस्था को देख महाकुंभ और माघ मेला की भीड़ को लेकर चर्चा करते रहे लोग
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: एयर शो वाले दिन रविवार को क्राउड मैनेजमेंट में फेल प्रशासन माघ मेला और महाकुंभ की भीड़ को कैसे कंट्रोल करेगा? सोमवार को इस तरह के सवाल लोगों के बीच चर्चा का सवाल बने रहे। क्योंकि पब्लिक का मानना है कि एयरशो के भीड़ को संभाल पाने में अधिकारी हाथ गए, तो महाकुंभ व माघ मेला में इससे कहीं ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। ऐसी स्थिति में इस धार्मिक मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रशासन के लोग कैसे मैनेज करेंगे? पब्लिक के सवाल खैर चाहे जो हों, पर इतना जरूर है कि एयर-शो की भीड़ से सबक लेते हुए अफसरों को महाकुंभ व माघ मेला के ट्रैफिक प्लान में अभी से जुट जाना चाहिए। ताकि यह पता चल सके कि इस एयर-शो क्राउड कंट्रोल में कहां चूक हुई और किस जगह ज्यादा अफर्ड करने की जरूरत है। हालांकि महाकुंभ के नक्शा, मीटिंग और सलाम में जुटे अफसर फिलहाल माघ मेला की तैयारी को लेकर एक्टिव बहुत दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि माघ मेला की तैयारी के लिए अफसरों के पास महज तीन महीने का वक्त ही शेष है।
माघ मेला छोड़ महाकुंभ पर विशेष जोर
वर्ष 2025 में लगने वाले महाकुंभ की तैयारी को लेकर कई महीने से प्रशासनिक कसरत चल रही है। माघ मेला प्रशासन से जुड़े सूत्रों की मानें तो अफसरों के द्वारा महाकुंभ में आने वाली भीड़ का अनुमानित खाका तैयार किया जा चुका है। इसी भीड़ के मद्देनजर अधिकारी सकुशल मेला सम्पन्न कराने के प्लान में जुटे हैं। विभागीय लोग दबी जुबान बताते हैं कि अनुमानित डाटा के अनुसार महाकुंभ में करीब 20 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
मुख्य स्नान पर्वों पर पहुंचते हैं डेढ़ करोड़ लोग
मुख्य स्नान पर्वों पर एक से डेढ़ करोड़ लोग पहुंच सकते हैं। यदि इसे सच मान लिया जाय तो कहा जा सकता है कि एक से डेढ़ करोड़ की भीड़ मुख्य स्नान पर्व वाले दिन शहर से होकर संगम पहुंचेगी। जबकि रविवार को एयर शो वाले दिन करीब बीस से 25 लाख लोग ही संगम पहुंचे। पब्लिक का मानना है कि जब प्रशासन इस भीड़ की ट्रैफिक को संभाल पाने में अक्षम दिखाई दिया, तो महाकुंभ में एक ही दिन एक से डेढ़ करोड़ लोगों की ट्रैफिक का संचालन कैसे कर पाएगी? लोगों की चर्चाओं पर गौर करें तो एक उसे डेढ़ करोड़ यदि मान लिया जाय कि दो दिन में पहुंचेंगे तब भी करीब 50 से 75 लाख लाख की भीड़ मुख्य स्नान पर महाकुंभ में एक दिन संगम क्षेत्र में पहुंचेगी। चूंकि 2023 के माघ मेला को महाकुंभ का ट्रायल माना जा रहा है।
इसलिए कहा जा सकता है कि इस माघ मेला में भी मुख्य स्नान पर्व पर थोड़ा बहुत कम नहीं एक करोड़ की भीड़ सड़कों पर उमड़ेगी।
तीन महीने तैयारी के लिए हैं शेष
महाकुंभ के पूर्व इस वर्ष लगने वाले माघ मेला की तैयारी को लेकर अभी मेला प्रशासन की ओर से कोई प्लान तैयार नहीं हो सका है।
मेला प्रशासन अभी तक माघ मेला के प्रमुख स्नान पर्वों का कैलेंडर तक तैयार नहीं कर सका है।
जानकार बताते हैं कि 14 जनवरी से ही माघ मेला क्षेत्र में कल्पवासियों का आगमन शुरू हो जाता है।
यह मेला फरवरी मध्य तक चलता है, इस तरह अब माघ मेला की तैयारी के लिए प्रशासन के पास केवल तीन महीने शेष हैं
इन तीन महीनों में संगम तीरे लेवलिंग से लेकर लाइटिंग आदि के कार्य पूर्ण किए जाने हैं। काम देर से शुरू होने पर पिछले वर्ष मेला में श्रद्धालुओं को समस्याओं से दोचार होना पड़ा था।
चूंकि माघ मेला वर्षों से होता आ रहा है, इसलिए इसका प्लान बनाने में बहुत वक्त नहीं लगेगा। महाकुंभ काफी ब्राड मेला होगा। इसलिए इसकी तैयारी पर ज्यादा फोकस है। हमारे पास माघ मेला के लिए काफी समय है।
दयानन्द प्रसाद, अपर मेला अधिकारी
महाकुंभ हो या माघ मेला में आने वाले श्रद्धालु दो तीन दिन में मेला क्षेत्र पहुंचते हैं। इसलिए श्रद्धालुओं की भीड़ से कोई दिक्कत नहीं होती। एयर शो का मामला अलग था। एक साथ एक ही टाइम पर भीड़ एयरशोर में पहुंची और उसी वक्त निकली भी। इसलिए थोड़ी दिक्कत सामने आई थी। माघ मेला के लिए हफ्ता पंद्रह दिन में ट्रैफिक पुलिस प्लान तैयार कर लेगी।
अमित कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज