प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नेत्रहीन और ²ष्टि बाधित लोगों ब्रेल लिपि की मदद से पढ़ तो सकते हैं पर वह तस्वीरें नहीं देख सकते हैं। परंपरागत रूप से तस्वीरों को समझाने के लिए लेखक छवियों की टेक्सट में व्याख्या करते हुए उसको ब्रेल लिपि में लिखते हैं। इसमें कई कमियां रह जाती है और ²ष्टि बाधित सीमित व्याख्या की स्थिति में कई बार तस्वीरों का अनुभव नहीं कर पाते। अब ऐसा संभव हो सकेगा। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइआइटी) और कार्लरुहे प्रौद्योगिकी संस्थान जर्मनी के विज्ञानियों नेत्रहीन और ²ष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए एक एआइ आधारित यूजर इंटरफेस विकसित किया है, जो बेहद सटीकता और सहजता से तस्वीरों की व्याख्या करने में सक्षम है।

दो छात्रों ने किया रिसर्च
आइआइआइटी के सहायक प्रोफेसर डा। मोहम्मद जावेद के निर्देशन में शोध कर रहे पीएचडी छात्र शाहिद अली फारुकी ने ब्राउजर आधारित यह एआइ टूल विकसित किया है। मूल रूप से प्रयागराज निवासी शाहिद अली फारूकी आइआइएसइआर कोलकाता में प्रधान तकनीकी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। मोहम्मद जावेद बताते हैं कि एआइ आधारित इस टूल को लार्ज लैंग्वेज माडल एलएलएम का उपयोग करते हुए इंसान, जीव, प्रकृति, नदी, पहाड़ सहित हजारों छवियों से प्रशिक्षित किया गया है .यह एआइ आधारित यह टूल छवियों की टेक्सट में सटीकता से व्याख्या करने में सक्षम है।

देना होगा वायस कमांड
नेत्रहीन और ²ष्टि बाधित लोगों को कंप्यूटर पर तस्वीर से संबंधित वायस कमांड देना होगा और इसके बाद एआइ तस्वीर की पूरी व्याख्या करेगा, जिससे तस्वीर को आसानी से समझा जा सकेगा। मोहम्मद जावेद बताते हैं कि एआइ की मदद से इमेज के आधार पर टेक्स्ट बनाकर उसको डेटा बेस में स्टोर करते है, जिससे टेक्स्ट से इमेज और फिर इमेज से टेक्स्ट में बदल सकता है। यह टूल इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे यह निरंतर सीखेगा और खुद को अपडेट करेगा.मैनुअल विधि में ब्रेल लिपि में टेक्सट लिखा जाता है पर स्थान सीमित होने के कारण इसमें विस्तार से व्याख्या की संभावना नहीं होगी पर अब एआइ ने इसको आसान कर दिया है.छवि से टेक्स्ट बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने वाले इस यूजर इंटरफेस को आस्ट्रिया में आयोजित सम्मेलन में बुधवार को प्रस्तुत किया गया।